सिंचाई विभाग के तीन अभियंता निलंबित, कुंभ मेला कार्यों में लापरवाही का आरोप
सिंचाई विभाग के तीन अभियंताओं को कुंभ मेला कार्यों में लापरवाही और अनियमितता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। अगले वर्ष होने वाले हरिद्वार कुंभ के मद्देनजर चल रहे निर्माण कार्यों को राज्य सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है। इस कड़ी में सिंचाई विभाग के तीन अभियंताओं को लापरवाही और अनियमितता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। शासन ने मंगलवार शाम इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। निलंबित अभियंताओं में दो अधीक्षण अभियंता और एक अधिशासी अभियंता शामिल हैं।
हरिद्वार कुंभ के सिलसिले में कुंभ मेला क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। इस बीच कुंभ मेला क्षेत्र में सिंचाई विभाग के निर्माण कार्यों की धीमी गति और गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सरकार को मिली थी। प्रारंभिक जांच में शिकायतें सही पाई गईं। सोमवार को कुंभ मेला की व्यवस्थाओं को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताई। साथ ही लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
इस कड़ी में शासन भी हरकत में आया और मंगलवार शाम को सिंचाई विभाग के तीन अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए। सचिव सिंचाई डॉ.भूपिदर कौर औलख की ओर से तीनों अभियंताओं के अलग-अलग निलंबन आदेश जारी किए गए हैं। निलंबित अभियंताओं में अधीक्षण अभियंता शरद श्रीवास्तव व प्रेम सिंह पंवार तथा अधिशासी अभियंता पुरुषोत्तम शामिल हैं।
निलंबित अधीक्षण अभियंता श्रीवास्तव पूर्व में प्रमुख अभियंता कार्यालय में वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी (कार्मिक-दो) का दायित्व देख रहे थे। 31 जुलाई 2019 को उन्हें सिंचाई कार्यमंडल हरिद्वार का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। निलंबन आदेश के मुताबिक श्रीवास्तव ने विभिन्न कार्यों के लिए जो निविदाएं आमंत्रित की, इनकी प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं मिलीं। यही नहीं, कार्यों का नियमित निरीक्षण और अनुश्रवण भी नहीं किया गया। आदेश के मुताबिक श्रीवास्तव के कार्यों की लोनिवि से विस्तृत जांच कराई जाएगी।
दूसरे निलंबित अधीक्षण अभियंता पंवार के पास सिंचाई कार्य (पुनर्वास) मंडल ऋषिकेश का जिम्मा था। उन्हें 26 दिसंबर 2019 को सिंचाई कार्यमंडल हरिद्वार का भी अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया। आरोप है कि पंवार ने कुंभ कार्यों के लिए आमंत्रित निविदा को निर्धारित समय से पहले ही खोला, जो नियम विरुद्ध है। इसकी भी विस्तृत जांच का निर्णय लिया गया है।
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सिंचाई खंड हरिद्वार के निलंबित अधिशासी अभियंता पुरुषोत्तम को भी कुंभ मेला कार्यों को टुकड़ों में बांटने, गुणवत्ता की नियमित जांच न करने, कार्यों की धीमी प्रगति, नियमित निरीक्षण और पर्यवेक्षण के लिए प्रथम दृष्ट्या दोषी पाया गया है। निलंबित अधीक्षण अभियंता श्रीवास्तव और पंवार को प्रमुख अभियंता कार्यालय और अधिशासी अभियंता पुरुषोत्तम को अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड हरिद्वार कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
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