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महाविद्यालयों के हजारों छात्रों को राहत, जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के छात्रों को राहत मिली है। अब सत्र के बीच में कोई भी महाविद्यालय विवि से असंबद्ध नहीं किया जाएगा।

By Edited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 04:05 PM (IST)
महाविद्यालयों के हजारों छात्रों को राहत, जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर
महाविद्यालयों के हजारों छात्रों को राहत, जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, [जेएनएन]: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध देहरादून के अशासकीय महाविद्यालयों के हजारों छात्रों के लिए यह राहत देने वाली खबर है। सत्र के बीच में कोई भी महाविद्यालय एचएनबी गढ़वाल विवि से असंबद्ध नहीं किया जाएगा। गढ़वाल विश्वविद्यालय छात्र हितों को ध्यान में रखकर ही कोई कदम उठाएगा। 

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कुछ दिन पहले सामने आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि गढ़वाल विवि के कुलसचिव ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक पत्र प्रेषित कर डीएवी, डीबीएस, एमकेपी, एसजीआरआर, डीडब्ल्यूटी व मसूरी स्थित एमपीजी कॉलेजों को विवि से असंबद्ध करने का आग्रह किया है। जिसके बाद इन आधा दर्जन कॉलेजों में अध्ययनरत करीब 40 हजार छात्र-छात्राओं के भविष्य पर तलवार लटक गई। छात्रों को भय था कि गढ़वाल विवि से संबद्ध अशासकीय कॉलेजों का शिक्षा सत्र 2018-19 के मध्य में ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में छात्र-छात्राएं भविष्य को लेकर चिंतित थे। 

हजारों छात्रों ने अपने-अपने महाविद्यालयों में इस बारे में संपर्क भी किया, लेकिन उन्हें स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इस संबध में शुक्रवार को जब गढ़वाल विवि के कुलसचिव डॉ. एके झा से संपर्क किया गया तो उन्होंने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि संबद्धता पत्र को लेकर उनकी किसी से बात नहीं हुई। उन्होंने रुटीन प्रक्रिया के तहत एमएचआरडी को दून के कॉलेजों की असंबद्धता को लेकर पत्र भेजा है। पत्र में गढ़वाल विवि के सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने एवं तमाम अन्य बिंदुओं को शामिल किया गया है। 

आगे मानव संसाधन मंत्रालय इस बारे में क्या निर्णय लेता है, इसकी जानकारी राज्य सरकार के साथ-साथ अशासकीय कॉलेजों व गढ़वाल विवि सभी को मिलेगी। असंबद्धता की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें छात्र हितों का ध्यान रखा जाता है। देहरादून में स्थित कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं गढ़वाल विवि के छात्र हैं, जिनकी समस्याओं को विवि प्रमुखता से लेता है। 

एसजीआरआर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ार्इ ने बताया कि संबद्ध अशासकीय कॉलेजों ने गढ़वाल विवि को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने में अहम भूमिका निभाई। दून के सभी बड़े कॉलेज चाहे गढ़वाल विवि से संबद्ध रहे या फिर अन्य विवि से संबद्ध हों, लेकिन छात्रों के हित प्रभावित नहीं होने दिए जाएंगे।

वहीं डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि सत्र के मध्य संबद्धता को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। इसे एमएचआरडी भी भली-भांति जानता है। गढ़वाल विवि के कुलसचिव के बयान के बाद छात्रों में असमंजस की स्थिति बन गई थी।

परीक्षा आवेदन पोर्टल पर गतिरोध देहरादून

स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा आवेदन पत्र की वेबसाइट को खोलने पर गतिरोध जारी है। गढ़वाल विवि के कुलसचिव डॉ. एके झा का कहना है कि इस संबंध में महाविद्यालय की ओर से अधिकारिक पत्र नहीं मिला है। सभी कॉलेज विवि को पत्र भेजते हैं तो आवेदन पोर्टल खोल दिया जाएगा। हालांकि, वह इस बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी ले रहे हैं।

उधर, डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने कहा कि कुलसचिव सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। विवि की वेबसाइट पर स्नातक व स्नातकोत्तर द्वितीय के आवेदन पत्र मौजूद हैं, जबकि प्रथम सेमेस्टर के लिए पोर्टल पर कॉलेजों के नाम ही नहीं है। यह त्रुटि विवि की ओर से है।

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