सैलानियों की नजरों से दूर है यह खूबसूरत स्थल, तस्वीरें देख आप भी आना चाहेंगे यहां
देश दुनिया में उत्तराखंड की पहचान खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में हैं। यहां कई पर्यटक स्थल ऐसे हैं जिनसे पर्यटक अनजान हैं। इन्हीं में शामिल हैं टिहरी जनपद का कसमोली गांव। यहां प्रकृति ने अपनी छटा बिखेर रखी है।
दुर्गा नौटियाल, ऋषिकेश। पर्यटक अक्सर उन्हीं स्थलों का रुख करते हैं, जो अक्सर जाने-पहचाने होते हैं। मगर, इनके अलावा भी कई पर्यटक स्थल ऐसे हैं, जिन्हें पहचान तो नहीं मिल पाई मगर वह बेहद खूबसूरत हैं। ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऋषिकेश से करीब 30 किमी दूर टिहरी जनपद के आगराखाल के समीप ऐसा ही एक खूबसूरत पर्यटक स्थल कसमोली गांव है। यहां से आप 360 डिग्री में प्रकृति के नजारों को देख सकते हैं।
ऐसे पहुंचे कसमोली
टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लाक में आगराखाल से कसमोली गांव पहुंचने के लिए दो विकल्प मिलते हैं। यहां करीब सात किमी की दूरी तय कर वाहन की मदद से भी पहुंचा जा सकता है। जबकि ट्रैकिंग का शौक रखने वालों के लिए यहां करीब तीन किमी लंबा सुंदर ट्रैकिंग रूट है।
यहां से दिखती हैं हिमालय की चोटियां
प्रकृति की गोद में बसा कसमोली गांव करीब आठ सौ की आबादी का गांव है। यहां गांव के ठीक ऊपर एक प्राकृतिक जलाशय (ताल) भी मौजूद है। जिसके चारों ओर हरे ढलानदार दूर-दूर तक फैला हुआ घास का मैदान बरबस ही मन को मोह लेता है। यहां से हिमालय की बर्फ से लकदक चोटियां साफ नजर आती हैं, जिनमें चौखंबा, नंदा देवी पर्वत और त्रिशूल पर्वत एक जादुई अहसास कराती हैं। वहीं दूसरी ओर, शिवालिक की एक के पीछे एक पर्वत श्रृंखला अलग-अलग रंगों में दूर तक फैली नजर आती हैं। यहां से नजर उतरती है तो ऋषिकेश और हरिद्वार की ओर गंगा का प्रवाह क्षेत्र और इसके दायीं ओर दून घाटी और फिर पर्वतों की चोटियां एक अलग ही लोक का अहसास कराती हैं।
यहां से सूर्योदय व सूर्यास्त के मनोहर दृश्य मन को भाते
कसमोली गांव यूं तो ऋषिकेश, देहरादून के बेहद निकट है, मगर यह क्षेत्र अभी तक पर्यटकों की नजर से अछूता ही रहा है। यहां से सूर्योदय व सूर्यास्त के मनोहर दृश्य मन को भा जाते हैं। शिवालिक की चोटियों से पीछे से सुनहरी किरण लिए उगते सूरज को देखना एक अलग ही रोमांच का अहसास कराता है। जबकि संध्या की बेला में दूर क्षितिज में नारंगी रंग के अस्तांचलगामी सूरज को एक घंटे से भी अधिक आप निहार सकते हैं। सर्दियों के मौसम में यहां से दून घाटी की ओर बनने वाली विंटरलाइन का शानदार नजारा देखने को मिलता है।
यहां है पर्यटन की अपार संभावनाएं
स्थानीय निवासी तथा होटल व पर्यटन व्यवसायी वीरेंद्र कंडारी बताते हैं कि पर्यटन काल में कई विदेशी पर्यटक यहां सूर्योदय व सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए पहुंचते हैं। यदि इस जगह को प्रचार-पसार मिले तो यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं बन सकती हैं। जिला पर्यटन अधिकारी टिहरी एसएस यादव ने बताया कि कसमोली गांव को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि के लिए आत्मनिर्भर है कसमोली गांव
कसमोली गांव कृषि तथा उत्पादन के मामले में भी विशेष पहचान रखता है। यहां सबसे अधिक मात्रा में मौसमी सब्जियों का उत्पादन होता है। जिनमें यहां के खीरे (पहाड़ी ककड़ी) और भुट्टे ऋषिकेश व देहरादून तक की मंडी तक बिक्री के लिए पहुंचते हैं। अदरक, अरबी तथा दालों के उत्पादन के लिए भी कसमोली गांव पहचाना जाता है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के अधिकांश परिवारों की आय का मुख्य स्रोत कृषि ही है।
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