उत्तराखंड में मेहरबान हुए बदरा, बरसी राहत; तन-मन झूमा
करीब एक माह तक मैदान से लेकर पहाड़ तक हुई प्रचंड गर्मी के बाद सोमवार को बदरा मेहरबान हुए। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कुछ इलाकों में बारिश एवं ओलावृष्टि हुई।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में करीब एक माह तक मैदान से लेकर पहाड़ तक हुई प्रचंड गर्मी के बाद सोमवार को बदरा मेहरबान हुए। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कुछ इलाकों में बारिश एवं ओलावृष्टि हुई। जिससे अधिकतम तापमान में छह डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई। देहरादून में करीब एक घंटे में सबसे अधिक 45.3 मिली मीटर रिकार्ड की गई। बारिश और ओलावृष्टि के चलते तापमान में एक से छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई।
चढ़ते पारे ने प्रदेश के शहरी और पर्वतीय इलाकों ने लोगों का बेचैन किया हुआ था। इस बीच, देहरादून में पारे की उछाल सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस अधिक 40.6 तक पहुंच गई थी, जबकि हरिद्वार और रुड़की में क्रमश: 42.4 एवं 43.2 डिग्री सेल्सियस तक चला गया था। स्थिति यह कि पहाड़ों की रानी मसूरी में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा था। गर्मी ने लोगों का घरों से निकलना मुहाल कर रखा था। तपती गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों की तरफ रुख करने वाले सैलानियों को होटलों से बाहर कदम रखने के लिए शाम ढलने का इंतजार करना पड़ रहा था।
मौसम विज्ञान केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि आने वाले 24 घंटे में मौसम का मिजाज इसी तरह का रहेगा। राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम से तेज बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। इससे अधिकतम तापमान में दो से छह डिग्री सेल्सियस की कमी आ सकती है।
बारिश और ओलावृष्टि के आसार
मौसम के करवट लेते ही उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक प्रचंड गर्मी से राहत मिल गई है। मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान सही साबित हुआ और सोमवार दोपहर बाद से प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से लेकर तेज बारिश हुई। हालांकि, देहरादून व कोटद्वार को छोड़कर गढ़वाल से कुमाऊं तक कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी तो कहीं हल्की बारिश हुई। मौसम का मिजाज बदलने से अधिकतम तापमान में एक से छह डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। देहरादून में रात आठ बजे तक 51.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
दोपहर करीब साढ़े तीन बजे आसमान पर एकाएक घने बादल छा गए और तेज गरज एवं हवाओं के साथ बारिश की बौछार पड़ने लगी। कई स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई। हवा के साथ तेज बारिश का दौर करीब डेढ़ घंटे चला। इसके बाद करीब पांच से 10 मिनट बारिश थमी, लेकिन पौने छह बजे से शहर के अधिकतर इलाकों में बारिश होने लगी। रात करीब आठ बजे तक शहर के अधिकांश इलाकों में बारिश का दौर जारी रहा। बारिश होने से शहर के अधिकतम तापमान में करीब चार डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। उधर, चमोली, रुदप्रयाग, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी एवं हरिद्वार में कही-कहीं हल्की बारिश हुई।
मैदान में अंधड़, पहाड़ में ओलावृष्टि की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने सोमवार को चेतावनी जारी करते हुए बताया कि मंगलवार एवं बुधवार को उत्तराखंड में कही-कहीं विशेषकर मैदानी इलाकों में 60 से 70 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। इस दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है।
वर्ष 2013 में 17 जून को हुई सर्वाधिक बारिश
केदारनाथ त्रसदी के दौरान 17 जून 2013 को 24 घंटे के भीतर देहरादून में सर्वाधिक बारिश 370.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी। जो अभी तक का ऑलटाइम रिकॉर्ड है। जबरदस्त बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो गया था। दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो गई थीं। लोगों ने पूरी रात छतों मे गुजारी थी।
कुमाऊं में भी मौसम ने ली करवट
कुमाऊं में भी एकाएक मौसम बदल गया। सुबह चटक धूप खिलने के बाद दोपहर होने तक बादलों की लुका-छिपी शुरू हो गई। नैनीताल, अल्मोड़ा से लेकर चंपावत में तेज हवा के साथ बादल छा गए। भावर क्षेत्र हल्द्वानी में बादल मंडराते रहे, जिससे मौसम ठंडा हो गया। ऊधमसिंह नगर में बादलों का डेरा शाम चार बजे के आसपास देखा गया।
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