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अमीर बनने की चाह में रची थी लूट की साजिश, किस्मत ने नहीं दिया साथ

प्रेमनगर में शराब ठेके के सेल्समैन से हुई लूट के प्रयास की वारदात को अंजाम देने के पीछे चार दोस्तों के अमीर बनने की चाहत थी लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 01:52 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 03:40 PM (IST)
अमीर बनने की चाह में रची थी लूट की साजिश, किस्मत ने नहीं दिया साथ

विकासनगर (देहरादून), जेएनएन। प्रेमनगर में शराब ठेके के सेल्समैन से हुई लूट के प्रयास की वारदात को अंजाम देने के पीछे चार दोस्तों के अमीर बनने की चाहत थी, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। सेल्समैन को गोली मारने के बाद चारों खुद ही घबरा गए और धूलकोट जंगल के रास्ते से घर भाग गए। काफी मशक्कत के बाद मंगलवार रात पुलिस ने चारों को दबोच लिया। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें अस्थायी जेल भेज दिया गया। उधर, वारदात का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने पांच हजार रुपये के ईनाम की घोषणा की है। 

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एक अगस्त की रात विकासनगर के बरोटीवाला स्थित शराब ठेके के सेल्समैन शंकर वोहरा अपने एक साथी सत्य सिंह के साथ करीब डेढ़ लाख की नकदी लेकर देहरादून आ रहे थे। पहले से पीछा कर रहे दो बाइक सवार चार बदमाशों ने धूलकोट के जंगल में उन्हें रोका और गोली मार दी, लेकिन बदमाशों को लगा कि सेल्समैन को गोली नहीं लगी है। उसकी चीख सुनकर उन्हें लगा कि भागे नहीं तो पकड़े जाएंगे। लिहाजा, बिना नकदी लूटे चारों भाग निकले। वारदात के बाद प्रेमनगर पुलिस पहुंची और घायल शंकर को अस्पताल पहुंचाया। यहां उनसे पूछताछ की, लेकिन कुछ ऐसा पता नहीं चला, जिससे लीड मिलती। अगले दिन पुलिस ने बरोटीवाला से प्रेमनगर तक के तमाम सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। फुटेज में दिखा कि दो बाइक सवार चार युवक बरोटीवाला से ही सेल्समैन का पीछा कर रहे हैं। एक युवक की चप्पल का रंग भी दिखाई दिया। बाइक के नंबर से युवकों की पहचान सौरभ, निक्कू उर्फ नरेंद्र, कपिल व विपिन निवासी ग्राम पृथ्वीपुर, विकासनगर के रूप में हुई। छानबीन में यह भी पता चला कि निक्कू व कपिल सगे भाई हैं। मंगलवार को पुलिस ने चारों को घर से उठा लिया और सख्ती से पूछताछ की। जिसके बाद चारों ने सच उगल दिया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त तमंचा और दो बाइकें बेलावाला जंगल से बरामद कर लीं। 

सहारनपुर से लाए थे तमंचा 

पूछताछ में पता चला कि सौरभ डाकपत्थर तिराहे पर स्थित कोहली प्रोविजन स्टोर में काम करता था। उसने बताया कि यहां मिलने वाली तनख्वाह से उसके शौक पूरे नहीं हो पा रहे थे। वह अक्सर बरोटीवाला शराब के ठेके से शराब लेने जाया करता था। जहां उसने देखा कि सेल्समैन रोज की कमाई लेकर देर रात निकलता है। यह बात उसने निक्कू, कपिल और विपिन को बताई। सभी वारदात में शामिल होने को तैयार हो गए।

योजना तैयार होने के बाद सहारनपुर से तमंचा खरीदा गया और सेल्समैन की रेकी शुरू कर दी। एक सप्ताह की रेकी के बाद योजना को अंतिम रूप दिया गया। सेल्समैन को पहले लांघा रोड पर लूटने की योजना थी, लेकिन बकरीद के चलते आवाजाही अधिक होने पर धूलकोट के जंगल में उसे रोका। सेल्समैन को रोकने के साथ ही उस पर फायर झोंक दिया। सौरभ ने कहा कि हमें लगा कि हमारा फायर मिस हो गया है। इससे वह घबरा गए और जंगल के रास्ते से भागकर घर आ गए। इससे पहले सभी ने 31 जुलाई को कोहली प्रोविजन स्टोर में चोरी भी की थी। 

जांच में जुटी थीं पांच टीमें 

सनसनीखेज वारदात के पर्दाफाश को डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने पांच टीमें बनाई थीं। टीम में क्षेत्राधिकारी विकासनगर धीरेंद्र सिंह रावत, प्रभारी निरीक्षक विकासनगर राजीव रौथाण, प्रभारी निरीक्षक सहसपुर राकेश गुसाईं, थानाध्यक्ष कालसी गिरीश नेगी, एसएसआई सहसपुर कुलदीप पंत, एसएसआई विकासनगर रामनरेश शर्मा, दीपक मैठाणी चौकी प्रभारी बाजार विकासनगर आदि शामिल रहे। 

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