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पूर्ति विभाग के गोदामों में ही नहीं चावल का स्टॉक

पूर्ति विभाग के अपने ही गोदामों में चावल की सप्लाई ठप है। राशन डीलर एनएफएसए के तहत सफेद एवं गुलाबी राशनकार्ड पर मुफ्त बंट रहे चावल का उठान दो महीने से नहीं कर सके हैं। वहीं अगले महीने के लिए नियमित तौर पर बंटने वाले चावल का उठान हो सके।

By Edited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 09:36 AM (IST)
पूर्ति विभाग के अपने ही गोदामों में चावल की सप्लाई ठप पड़ गई है।

देहरादून, जेएनएन। पूर्ति विभाग के अपने ही गोदामों में चावल की सप्लाई ठप पड़ गई है। हाल ये हैं कि राशन डीलर एनएफएसए के तहत सफेद एवं गुलाबी राशनकार्ड पर मुफ्त बंट रहे चावल का उठान दो महीने से नहीं कर सके हैं। वहीं अगले महीने के लिए नियमित तौर पर बंटने वाले चावल का उठान हो सके, इतना चावल भी गोदामों में उपलब्ध नहीं है। दो महीने से पूर्ति विभाग चावल के स्टॉक में कमी झेल रहा है। चावल खरीद में हो रही देरी इसका सबसे बड़ा कारण बताई जा रही है। 

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देहरादून में करीब पौने चार लाख राशन कार्ड धारक हैं। जिसमें दो लाख तीस हजार के करीब राशन कार्ड एनएफएसए के तहत पंजीकृत हैं। इसमें सफेद और गुलाबी दोनों ही राशनकार्ड शामिल हैं। करीब डेढ़ लाख पीले राशनकार्ड राज्य खाद्य सुरक्षा के तहत भी पंजीकृत हैं।

पूर्ति विभाग ने सस्ता गल्ला दुकानों पर राशन के वितरण के लिए एडवांस सिस्टम तैयार किया है। यानी अगले महीने वितरित होने वाले राशन का उठान गल्ला विक्रेता पिछले महीने के अंत तक कर लेते हैं। जिसे नए महीने के पहले वर्किंग डे से वितरित किया जाता है, लेकिन चावल की सप्लाई ठप होने के चलते यह सिस्टम टूट गया है। अक्टूबर में तो केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना के तहत चावल का उठान तक नहीं हो सका है। पिछले महीने सभी कार्ड धारकों को केवल नियमित चावल ही उपलब्ध हो सके। इस महीने यह व्यवस्था और डगमगा गई है, क्योंकि महीने के अंतिम दिन चल रहे हैं और अबतक नियमित वितरण के लिए चावल गोदामों में उपलब्ध नहीं हो सका है।

क्यों खड़ी हुई समस्या

दरअसल, संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) की ओर से इस सीजन में स्थानीय किसानों से चावल की खरीद की जाती है। खरीद के बाद चावल पूर्ति विभाग को उपलब्ध करवाया जाता है। पूर्ति विभाग को सप्लाई करने के बाद बचा हुआ चावल फूड कॉरपोरशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) को बेचा जाता है। बाद में साल भर एफसीआइ इसी चावल को पूर्ति विभाग को उपलब्ध करवाता है। इस साल कोरोना के चलते यह सिस्टम डगमगा गया है, जिसके चलते यह समस्या पैदा हुई है। 

जसवंत सिंह कंडारी (जिला पूर्ति अधिकारी) का कहना है कि वर्तमान में पूर्ति विभाग के गोदामों में चावल की कमी है, लेकिन इसे दूर करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। अगले महीने के पहले हफ्ते तक भरपूर चावल गोदामों में पहुंच जाएगा। जिसके बाद नियमित चावल और दोनों महीनों के मुफ्त चावल का कोटा डीलरों को एक साथ दे दिया जाएगा। 

राशन डीलरों का कमीशन और भाड़ा जारी

लंबे समय से अपने कमीशन और किराया भुगतान का इंतजार कर रहे सस्ता गल्ला विक्रेताओं का इंतजार खत्म हो गया है। गल्ला विक्रेताओं को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल से जून के बीच बंटे मुफ्त राशन का कमीशन और किराया बंटना शुरू हो गया है। पहली किस्त में सरकार ने करीब 90 लाख रुपये जारी किए हैं। जिला पूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि यह कमीशन सीधे राशन डीलरों के बैंक खाते में जाना है। सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता और उचित दर राशन विक्रेता संघ के जिला मंत्री हेमंत अग्रवाल ने इसपर खुशी जाहिर करते हुए सरकार का धन्यवाद दिया। 


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