चालदा देवता के जागड़े में चला आवाज का जादू
संवाद सूत्र, साहिया: खत अठगांव के चंदेऊ से आकर नराया मंदिर में दो साल तक विराजे चालदा महाराज का प्रव
संवाद सूत्र, साहिया: खत अठगांव के चंदेऊ से आकर नराया मंदिर में दो साल तक विराजे चालदा महाराज का प्रवास समाप्त होने की पूर्व संध्या पर आयोजित देवता के जागड़े में लोक कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति से समा बांधा। प्रसिद्ध रंगकर्मी नंदलाल भारती की टीम के साथ ही लोक गायक सीताराम चौहान, सीताराम शर्मा, किरन डिमरी, अज्जू तोमर, विशाल तोमर आदि ने लोक गीत व नृत्य से ऐसा समा बांधा कि रात भर पूरा पंडाल झूमता रहा।
शुक्रवार रात शुरू हुए जागड़े में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शनिवार सुबह तक जारी रहा। दसअसल नराया गांव में वर्ष 2016 में चंदेऊ गांव से चालदा महाराज करीब डेढ सौ साल बाद दो साल के प्रवास पर आए थे। चालदा महाराज के प्रवास समाप्त होने की पूर्व संध्या पर भव्य जागड़े का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने देवदर्शन करने के साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुति का आनंद लिया। जौनसार बावर लोक कला मंच के निर्देशक नंदलाल भारती के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चालदा देवता की वंदना से शुरू हुए सांस्कृतिक आयोजन में लोक गायकों ने धन बोठा महासू लो मा राजा तेरी हनोड़ी ठाई हो..देवरे बाजे ढोल गांव गांव दे नारे, राजनीति के हलियारे दे बहु बेटे हमारे ले.., गज्जू बेडू वाडिया गज्जू मामा..गीतों से समा बांधा। लोक गायक सीताराम शर्मा ने जब यह गीत लड़कियों को लागा मुबाइलों का चस्का, बेटा मेरा अपणा रोवा न बस्का..सुनाया तो युवा दिलों की धड़कनें बढ़ गई। जौनसार बावर लोक कला मंच के कलाकारों ने लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुतियां दी। हजारों श्रद्धालुओं ने शनिवार सुबह तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया। --------
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नराया गांव में पसरा सन्नाटा
16 वीकेएस 12,13-
साहिया: खत बमटाड़ के नराया गांव में देवता का प्रवास खत्म होने से 24 गांवों के 625 परिवारों में शनिवार को मायूसी देखी गई। देवता के कोटा तपलाड़ के लिए रवाना होने पर 24 गांवों के ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। अपने ईष्ट देव में अटूट आस्था रखने वाले ग्रामीण देवता के साथ गए। जिससे नराया गांव में सन्नाटा पसर गया। शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु नराया गांव में होने के कारण गजब की रौनक थी, वह रौनक देवता के रवाना होने के साथ ही खत्म हो गई। देवता का प्रवास खत्म होने से जहां 24 गांवों के ग्रामीणों में मायूसी दिखी, वहीं पहला पड़ाव बिरमौ में होने के कारण बिरमौ खत के ग्रामीणों में विशेष खुशी देखी गई।
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देवता के दर्शन को पहुंचे कोस्टगार्ड डीजी
16 वीकेएस 14-
साहिया: चालदा देवता के प्रवास का विशेष महत्व होने के चलते भारतीय तटरक्षक दल के डीजी राजेंद्र तोमर भी अपने ईष्ट देव के दर्शन को बिरमौ गांव पहुंचे। बिरमौ गांव में देवता का पहला पड़ाव होने के कारण डीजी तोमर देव दर्शन को शुक्रवार को ही अपने पैतृक गांव बिरमौ में आ गए थे। शनिवार सायं करीब पांच बजे देवता के बिरमौ गांव पहुंचने पर डीजी कोस्टगार्ड ने पालकी को कंधा लगाकर पुण्यलाभ कमाया। साथ ही देवता के पड़ाव की तैयारियों में सहयोग दिया।