पात्र बीपीएल थे और 57 लाख बांट दिए गैर बीपीएल को, इस तरह लुटाई गई राशि
समाज कल्याण विभाग अभी छात्रवृत्ति घोटाले से बाहर नहीं निकल पाया है और राष्ट्रीय परिवार लाभ कल्याण योजना में एक और घपला सामने आ गया है। जिला समाज कल्याण कार्यालय देहरादून और नैनीताल ने योजना के 57.20 लाख रुपये ऐसे व्यक्तियों में बांट दिए जो पात्र ही नहीं थे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। CAG Report समाज कल्याण विभाग अभी छात्रवृत्ति घोटाले से बाहर नहीं निकल पाया है और राष्ट्रीय परिवार लाभ कल्याण योजना में एक और घपला सामने आ गया है। जिला समाज कल्याण कार्यालय देहरादून और नैनीताल ने योजना के 57.20 लाख रुपये ऐसे व्यक्तियों में बांट दिए, जो पात्र ही नहीं थे।
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना का लाभ बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के व्यक्तियों को दिया जाना है। इसके तहत परिवार के कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु की दशा में शोकाकुल परिवार को 20 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। यह राशि स्थानीय खोजबीन के बाद परिवार के शेष सदस्यों में मुखिया की भूमिका वाले व्यक्ति को सौंपी जाती है।
कैग ने योजना के परीक्षण के लिए देहरादून व नैनीताल के समाज कल्याण कार्यालयों के अभिलेखों का परीक्षण किया। जनवरी व अगस्त 2018 के रिकॉर्ड में पाया गया कि 498 लाभार्थियों को योजना के तहत 95.60 लाख रुपये बांटे गए हैं। इनमें से 286 लाभार्थी गैर बीपीएल श्रेणी के थे। इनके पास बीपीएल प्रमाण पत्र नहीं था। सिर्फ वर्ष 2016-17 व 2017-18 में संबंधित तहसीलदार की ओर से जारी किए गए आय प्रमाण पत्र थे। कैग की आपत्ति के बाद शासन सिर्फ यही जवाब दे पाया कि गैर बीपीएल परिवारों को किसी तरह की सहायता नहीं दी जा रही है।
इस तरह लुटाई राशि
जिला, गैर बीपीएल, राशि
देहरादून, 186, 37.20 लाख रुपये
नैनीताल, 100, 20 लाख रुपये
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