टीईटी बेरोजगारों ने राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा, जानिए
बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों ने शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में धरना देते हुए खून से पत्र लिखा। ये प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली में किए गए पांचवें संसोधन के विरोध कर रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली में किए गए पांचवें संसोधन के विरोध में रविवार को बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगारों ने शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में धरना देते हुए खून से पत्र लिखा।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को खून से लिखे इस पत्र के जरिये बीएड प्रशिक्षितों के लिए विगत 25 वर्षों से चली आ रही चयन प्रक्रिया को यथावत रखने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि बीएड टीईटी प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ अपनी समस्या को देश व राज्य के सभी शीर्ष नेतृत्व के संज्ञान में लाना चाहता है। उन्होंने मांग की कि 14 दिसंबर की कैबिनेट बैठक में प्राथमिक शिक्षा सेवा नियमावली में किए गए संसोधन को निरस्त किया जाए।
महासंघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनवीर सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार उनके धैर्य की परीक्षा न ले। उन्होंने चेतावनी दी है कि उनकी एक मात्र मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। ज्ञापन पत्र के लिए खून देने वालों बेरोजगारों में श्यामलाल, अरविंद राणा, महेंद्र चौहान, नरेंद्र रौतेला, अतुल रावत आदि शामिल रहे।
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