देहरादून में हर माह दस लोग लगा रहे मौत को गले
युवा पीढ़ी डिप्रेशन में आकर अपने जीवन को खत्म करने पर आमादा है। अकेले देहरादून जिले में हर माह नौ से अधिक लोग आत्महत्या कर जीवन को समाप्त कर रहे हैं।
देहरादून, [हरीश कंडारी]: यह वर्तमान जीवन शैली में आ रहे बदलावों का नतीजा है या कुछ और, लेकिन जिंदगी की डोर लगातार कमजोर होती जा रही है। खासकर, युवा पीढ़ी डिप्रेशन में आकर अपने जीवन को खत्म करने पर आमादा है। अकेले देहरादून जिले के आंकड़े ही इसकी तस्दीक करने के लिए काफी हैं। यहां हर माह नौ से अधिक लोग आत्महत्या कर जीवन को समाप्त कर दे रहे हैं। बीते आठ माह में ही दून में 80 से अधिक लोग आत्महत्या कर चुके हैं।
मनोचिकित्सकों की मानें तो आत्महत्या के कई कारण हो सकते हैं। मसलन आर्थिक स्थिति में बदलाव, विवाह टूटना, बच्चे न होना, बीमारी, दिमागी बीमारी, दहेज हत्या, पारिवारिक समस्याएं, डिप्रेशन आदि। लेकिन, वर्तमान में जिस समस्या के कारण लोग, खासकर युवा आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं, वह है तनाव। जो उन्हें सीधे सुसाइड तक ले जा रहा है। जिले में आत्महत्या के आंकड़ों पर गौर करें तो सामान्य कारणों के बजाय, मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या ज्यादा सामने आ रहा है।
अगस्त माह में एक नाबालिग सहित तेरह कर चुके हैं आत्महत्या
विगत एक माह की बात करें तो दून में अभी तक तेरह लोग आत्महत्या कर चुके हैं। इसमें तीन महिलाएं, दो बुजुर्ग, तीन युवकों, एक स्कूली छात्र व एक नाबालिग शामिल हैं। अधिकतर मामलों में तनाव व आर्थिक तंगी और पारिवारिक समस्या के कारण आत्महत्या होना प्रकाश में आया है।
जनवरी से अगस्त तक जिले में आत्महत्या
कुल आत्महत्या, 80
महिलाएं, 42
पुरुष, 35
नाबालिग- तीन
आत्महत्या का बड़ा कारण है तनाव
निवेदिता कुकरेती (एसएसपी देहरादून) का कहना है कि आत्महत्या के कईं कारण हो सकते हैं, लेकिन आत्महत्या का बड़ा कारण तनाव बनता जा रहा है। कई युवा तनाव के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। महिलाओं में पारिवारिक समस्या भी एक बड़ी वजह है।
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