दहेज के लालच में कराया दो बार गर्भपात
जागरण संवाददाता, देहरादून: तीन तलाक से जूझ रही शाहिना का ससुराल पक्ष ने दो बार गर्भपात महज
जागरण संवाददाता, देहरादून: तीन तलाक से जूझ रही शाहिना का ससुराल पक्ष ने दो बार गर्भपात इसलिए करा दिया था, क्योंकि वह दहेज की मांग पूरी होने तक बच्चा नहीं चाहते थे। मजबूर और बेबस शाहिना के पिता शराफत अली ने 50 हजार नकद और एक बाइक दी, लेकिन दहेज के लोभियों की भूख शांत नहीं हुई। इसके बाद सहारनपुर में मकान की रजिस्ट्री के लिए 50 हजार की रकम और दी, लेकिन पति फिर भी शाहिना के साथ मारपीट करता रहा, क्योंकि अब उसे बुलेट चाहिए थी। डिमांड पूरी नहीं हुई तो आखिरकार शाहिना को घर से निकाल दिया।
बकौल शाहिना 'मैं पति से पूछना चाहती हूं कि उसने मुझे कब तलाक दिया और मुझ पर जुल्म किस गलती के लिए किए। मैं किसी मौलवी के फतवे को नहीं मानती। अगर वह मेरे सामने भी तीन तलाक बोलता तो मैं इसे स्वीकार ही नहीं करती और उसी घर में रहती। चार महीने की गर्भवती थी और मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। गर्भ में पल रहे बच्चे की खातिर मैं मायके आई। क्योंकि गर्भ का पता पति और ससुराल के किसी व्यक्ति को नहीं था, वरना वह फिर से गर्भपात करा देते'। शाहिना का कहना है कि 'जिंदगी मेरी है और मैं अपने हक-हकूक की लड़ाई लड़ती रहूंगी'। शाहिना को कानूनी मदद मुहैया करा रहे इंपाव¨रग पीपुल संस्था के सीईओ ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि शाहिना का पति कानून को मानने को तैयार नहीं। वह शरिअत का हवाला देता है। जबकि, शरिअत में तीन तलाक देने की बात नहीं है।
शाहिना की अपील
शाहिना की महिलाओं से अपील है कि वह इस तरह दिए जाने वाले तलाक को स्वीकार न करें। उनके भी हक-हकूक हैं और निडर होकर अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ें। जब तक महिलाएं अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होंगीं और अपनी लड़ाई खुद नहीं लड़ेंगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।
कब क्या हुआ
डोईवाला निवासी शाहिना की शादी तीन मई, 2016 को सहारनपुर निवासी मंसूर आलम से हुई। 21 मई, 2017 को उसे घर से निकाल दिया गया। शाहिना ने महिला हेल्पलाइन में शिकायत की और 19 अगस्त को काउंसिलिंग के दौरान पति ने तीन तलाक का फतवा दिखाया। 26 अक्टूबर को शाहिना ने बेटी को जन्म दिया और अस्पताल से पति नवजात को जबरन लेकर चला गया। 27 नवंबर को बेटी की मौत हो गई।