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बाढ़ सुरक्षा को पछवादून क्षेत्र में बनाई गई नौ चौकियां, टास्क फोर्स का भी गठन

स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ सुरक्षा बचाव को पछवादून में नौ चौकियां बनाई गई हैं। इसके अलावा टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है।

By Edited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 02:22 PM (IST)
बाढ़ सुरक्षा को पछवादून क्षेत्र में बनाई गई नौ चौकियां, टास्क फोर्स का भी गठन
बाढ़ सुरक्षा को पछवादून क्षेत्र में बनाई गई नौ चौकियां, टास्क फोर्स का भी गठन

विकासनगर(देहरादून), जेएनएन। बरसात के मौसम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ सुरक्षा बचाव को पछवादून में नौ चौकियां बनाई गई हैं। इसके अलावा टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। चौकियों का संचालन तहसील में बनाए गए कंट्रोल रूम से होगा। चौकियों में क्षेत्र के पटवारियों की तैनाती होगी। जो कंट्रोल रूम को सूचना देंगे। टास्क फोर्स में पुलिस, जल पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिंचाई, लोनिवि और वन विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। 

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एसडीएम ने बाढ़ सुरक्षा के लिए पछवादून के बाड़वाला, विकासनगर, ढकरानी, सहसपुर, सभावाला, रामपुर, भाऊवाला, झाजरा, पेलियो में बाढ़ सुरक्षा चौकियां स्थापित की हैं। चौकियों की जिम्मेदारी क्षेत्र के पटवारी की होगी। चौकियों पर प्राप्त होने वाली किसी भी सूचना की जानकारी तहसील स्थित कंट्रोल रूम को दी जाएगी। कंट्रोल रूम से जिला प्रशासन को सूचना देने के साथ ही जरूरत के हिसाब से टास्क फोर्स में शामिल स्थानीय पुलिस प्रशासन, जल पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिंचाई विभाग, वन विभाग आदि को मौके के लिए रवाना कर दिया जाएगा। टास्क फोर्स का नेतृत्व नायब तहसीलदार पंचम सिंह नेगी करेंगे। 
नेगी का कहना है कि बाढ़ से नुकसान को कम करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। एसडीएम विकासनगर सौरभ असवाल के अनुसार बरसात को लेकर नौ बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। नदी-नालों के किनारे बसी बस्तियों को हटाने के लिए नोटिस दिए गए हैं। यहां होता है हर साल नुकसान बरसात के कारण यमुना, आसन, शीतला, स्वारना आदि नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। 
क्षेत्र के नवाबगढ़, बरोटीवाला-लक्ष्मीपुर, छरबा, भीमावाला, ढ़करानी, कुंजाग्रांट, केदारावाला, जस्सोवाला, जाटोवाला, माजरी, सभावाला आदि बीस से अधिक गांवों में सैकड़ों बीघा कृषि भूमि हर साल नदी के बहाव के साथ बह जाती है। इसके अलावा संरक्षित वन क्षेत्र से आबादी में आने वाले नालों में तेज पानी का बहाव आवासीय भवनों और झुग्गी को अपने साथ बहा ले जाता है।

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