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Doctor Advice: मौसम का मिजाज न कर दे आपकी तबीयत नासाज, ऐसे रखें अपना ख्याल

मौसम बदल रहा है। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जिससे बीमार होने की आशंका बनी रहती है। इस दौरान खांसी कोल्ड और फ्लू होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहें।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 08:41 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 08:41 AM (IST)
Doctor Advice: मौसम का मिजाज न कर दे आपकी तबीयत नासाज, ऐसे रखें अपना ख्याल
मौसम बदल रहा है। ऐसे समय सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। मौसम बदल रहा है। ऐसे समय सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। बीते दिनों दोपहर में तेज धूप व सुबह-शाम हल्की ठंडक रही। अब शनिवार से लगातार बारिश होने से ठंडक और बढ़ गई है। इस तरह का मौसम तबीयत नासाज कर सकता है। गांधी शताब्दी चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन प्रवीन पंवार का कहना है कि तापमान में आ रहे बदलाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान बुखार, खांसी व जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है। ऐसे वक्त पर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पीने का पानी भी साफ होना चाहिए और अधिक ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। सुबह शाम गर्म कपड़े पहनने के साथ ही सिर को भी ढककर रखना चाहिए। खांसी, कोल्ड व फ्लू होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।

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बच्चों को लेकर रहें सचेत

मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। रायपुर अस्पताल के चिकित्साधीक्षक एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. पीएस रावत ने बताया कि इस दौरान बच्चों के खानपान व पहनावे पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों को ठंडे पानी से न नहलाएं। गुनगुना पानी पिलाएं। खुले बदन न सुलाएं। रात में ठंड लगने पर चादर ढक दें। तबीयत खराब होने पर चिकित्सक की सलाह से तुरंत दवा लें।

ये बरतें सावधानी

  • इस मौसम में संक्रमण का खतरा होता है। ऐसे में पहनावे पर खास ध्यान दें। हल्के गर्म कपड़े पहनें।
  • खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार वायरल बुखार का कारण बन जाता है।
  • अगर सिर दर्द या बुखार महसूस हो तो अपनी मर्जी से दवा न लें। विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लें।
  • सुबह की सैर के साथ योग भी अच्छा व्यायाम होता है। बदलते मौसम में नियमित योग करना चाहिए।
  • मौसम बदलने पर खासी और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे पीडि़त मरीज को रोजाना भाप लेने के साथ नमक मिले गुनगुने पानी से गरारा करना चाहिए।

डायबिटीज और बीपी के मरीज बरतें सावधानी

पारा लुढ़कने पर रक्तचाप और डायबिटीज अनियंत्रित हो जाता है। सबसे ज्यादा ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक सर्दियों में ही होते हैं। ऐसे में बीपी और शुगर के मरीजों को चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा जोड़ों में दर्द आदि की भी समस्या होती है। दमा के मरीजों को भी सांस में तकलीफ बढ़ सकती है।

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