नगर पालिका परिषद मसूरी सभासद की सदस्यता पर दो सप्ताह में लें फैसला: हाईकोर्ट
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर घर बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने नगर पालिका परिषद मसूरी की सभासद गीता कुमांई की सदस्यता पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा है।
देहरादून, जेएनएन। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर घर बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने नगर पालिका परिषद मसूरी की सभासद गीता कुमांई की सदस्यता पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा है। यह आदेश कोर्ट ने मुख्य सचिव को दिए हैं।
हाईकोर्ट में मसूरी से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी केदार सिंह की याचिका पर सुनवाई की गई। अब इस मामले में 20 अगस्त को सुनवाई होगी। यानि तब तक सभासद गीता कुमांई की सदस्यता पर निर्णय लेना होगा। इससे पहले भी कोर्ट उत्तराखंड शासन को नगर पालिका अधिनियम की धारा-40 के तहत कार्रवाई के लिए कह चुका है।
पूर्व के आदेश में शासन ने कार्रवाई से पहले पालिका सभासद से जवाब मांगा था। इस पर सभासद ने जवाब के लिए अतिरिक्त समय की मांग की थी। यह प्रकरण अब तक शासन में भी विचाराधीन चल रहा है।
यह कहती है धारा-40
नगर पालिका अधिनियम-1916 (संशोधित 2002) की धारा 40 में स्पष्ट किया गया है कि यदि पालिका का कोई सदस्य या उसके परिवार का कानूनी वारिस नगर पालिका के स्वामित्व, प्रबंधन वाली भूमि-भवन, सार्वजनिक सड़क आदि पर अतिक्रमण करता है तो सरकार उसकी सदस्यता निरस्त करने का अधिकार रखती है। इस प्रकरण में सभासद के पति ने पालिका की भूमि पर अतिक्रमण कर भवन बना रखा है। सभासद भी इसी भवन में निवास करती हैं।
मसूरी पालिका के भूखंडों पर कब्जों की भरमार
हाल में क्यारकुली भट्टा क्षेत्र के बार्लोगंज में आइटीबपी की मजीन के कागजों के आधार पर नगर पालिका की भूमि पर कब्जा कर होटल का निर्माण करने की बात सामने आई। इसी तरह पालिका भी तमाम भूमि पर कब्जों की शिकायतें मिल रही हैं। कब्जों में अधिकारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आती रही हैं।
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