Swachh Survekshan 2022 : प्रदेश रैंकिंग में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर, दो शहरों का प्रदर्शन सुधरा, बाकी पिछड़े
Swachh Survekshan 2022 स्वच्छ सर्वेक्षण की प्रतियोगिता में 100 से कम शहरों वाले राज्यों में उत्तराखंड को 14 राज्यों में तीसरा स्थान मिला है। देहरादून व काशीपुर ने अपने प्रदर्शन में सुधार कर लंबी छलांग लगाई है। हरिद्वार रुद्रपुर हल्द्वानी व रुड़की की स्वच्छता व्यवस्था ने निराश किया है।
जागरण संवाददाता, देहरादूनः Swachh Survekshan 2022 : स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में प्रदेश का प्रदर्शन मिला-जुला दिख रहा है। एक तरफ जहां बड़े शहरों में शामिल देहरादून व काशीपुर ने अपने प्रदर्शन में सुधार कर लंबी छलांग लगाई है, वहीं हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी व रुड़की जैसे शहरों की स्वच्छता व्यवस्था ने बेहद निराश किया। ये शहर अपनी पिछली रैंकिंग से काफी नीचे फिसल गए हैं।
देहरादून देश के 382 शहरों में 69वें स्थान पर
एक से दस लाख की आबादी वाले शहरों में देहरादून देश के 382 शहरों में 69वें स्थान पर रहा। वर्ष 2021 की बात करें तो दून का स्थान 82वां था। राष्ट्रीय रैंकिंग में 304वें नंबर पर खड़े काशीपुर को अभी काफी मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन इस शहर में अपनी रैंकिंग में 35 अंकों की छलांग लगाकर उम्मीद जरूर जगाई है दून के अलावा प्रदेश का कोई शहर टाप 100 में जगह नहीं बना पाया है।
पिछली दफा टाप 100 में शामिल रुड़की अपनी पिछली रैंकिंग से 34 अंक फिसल गया है। प्रदेश के अन्य सभी बड़े शहर राष्ट्रीय रैंकिंग में निचले क्रम में दिख रहे हैं, जो गंभीर बात है।
बड़े शहरों की रैंकिंग (एक से तीन लाख की आबादी वाले 382 शहरों में)
- शहर, 2022, 2021, 2020, 2019
- देहरादून, 69, 82, 124, 384
- रुड़की, 134, 100, 131, 281
- ऋषिकेश, 220, (पहले अन्य श्रेणी में दर्ज)
- कोटद्वार, 270, (पहले अन्य श्रेणी में दर्ज)
- हल्द्वानी, 282, 279, 229, 350
- काशीपुर, 304, 339, 139, 308
- हरिद्वार, 330, 283, 244, 376
- रुद्रपुर, 277, 255, 316, 403
प्रदेश की रैंकिंग में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर
स्वच्छ सर्वेक्षण की प्रतियोगिता में 100 से कम शहरों वाले राज्यों में उत्तराखंड को 14 राज्यों में तीसरा स्थान मिला है। हालांकि, पिछली दफा 10 पहाड़ी राज्यों के हिसाब से तय की गई रैंकिंग में उत्तराखंड पहले स्थान पर था।
छोटे शहरों ने किया निराशछोटे शहरों के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण में 50 हजार से एक लाख, 25 से 50 हजार, 15 से 25 हजार व 15 हजार से कम आबादी के हिसाब से आकलन किया गया। इस आधार पर ओवर आल रैंकिंग दी गई थी।
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इस बार किसी भी आबादी क्षमता की ओवर आल रैंकिंग में हमार शहर शामिल नहीं है। इससे पहले की रैंकिंग की बात की जाए तो मंगलौर, रामनगर, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल, शिवलिकनगर, मुनिकीरेती, चंबा जैसे शहर उच्च रैंकिंग में शामिल थे। उत्त्तरी क्षेत्र में तीन शहरों को मिला अवार्डइस स्वच्छ सर्वेक्षण में आबादी के हिसाब से क्षेत्रवार अवार्ड भी दिए गए हैं। उत्त्तरी क्षेत्र की बात करें तो हमारे तीन शहर अवार्ड पाने में सफल रहे।
इन्हें मिला उत्त्तरी क्षेत्र श्रेणी में अवार्ड
- नरेंद्र नगर (स्वच्छ्ता में आत्मनिर्भरता में)
- डोईवाला (तेजी से बेहतरी की तरफ बढ़ने के लिए)
- रामनगर (तेजी से बेहतरी की तरफ बढ़ने के लिए)
गंगा शहरों में हरिद्वार फिर पहले स्थान पर
गंगा शहरों में बड़े शहरों की रैंकिंग की बात करें तो हरिद्वार फिर पहले स्थान पर काबिज होने में सफल रहा। इस श्रेणी में कुल 46 शहर दौड़ में थे। वहीं, छोटे शहरों की बात करें तो गंगा श्रेणी में हमारे दो शहर टाप तेन, व पांच शहर टाप 20 में शामिल हुए हैं। इस श्रेणी में कुल 45 शहर प्रतियोगिता का हिस्सा रहे।
गंगा श्रेणी में छोटे शहरों की रैंकिंग
- शहर, रैंक
- कर्णप्रयाग, 05
- चमोली, 06
- नंदप्रयाग, 11
- श्रीनगर, 16
- कीर्तिनगर, 18
- गौचर, 19
- देवप्रयाग, 20
टाप रैंकिंग से बाहर हुए कैंट बोर्ड
पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में कैंट बोर्ड श्रेणी में लैंसडौन कैंट बोर्ड को पहला, रानीखेत को दूसरा व नैनीताल को तीसरा स्थान मिला था। इस बार 60 कैंट बोर्ड की प्रतियोगिता में प्रदेश का कोई कैंट बोर्ड टाप तेन में भी शामिल नहीं हो पाया।
प्रदेश के कैंट बोर्ड की रैंकिंग
- कैंट बोर्ड, रैंक
- लैंसडौन, 18
- रानीखेत, 20
- अल्मोड़ा, 34
- नैनीताल, 43
- रुड़की, 47
- देहरादून, 48
- लंढौर, 53
- चकराता, 57