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बुग्यालों से हटेंगे स्थायी निर्माण, रात्रि विश्राम भी प्रतिबंधित

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित बुग्यालों (हरी मखमली घास के मैदान) से अब न सिर्फ स्थायी निर्माण हटेंगे, बल्कि सैलानी वहां रात्रि विश्राम भी नहीं कर पाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 03:24 AM (IST)Updated: Wed, 29 Aug 2018 03:24 AM (IST)
बुग्यालों से हटेंगे स्थायी निर्माण, रात्रि विश्राम भी प्रतिबंधित
बुग्यालों से हटेंगे स्थायी निर्माण, रात्रि विश्राम भी प्रतिबंधित

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित बुग्यालों (हरी मखमली घास के मैदान) से अब न सिर्फ स्थायी निर्माण हटेंगे, बल्कि सैलानी वहां रात्रि विश्राम भी नहीं कर पाएंगे। इस सिलसिले में नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) ने मंगलवार को नंदादेवी व गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क के साथ ही दो अभ्यारण्यों व नौ वन प्रभागों के डीएफओ को आदेश जारी कर दिए।

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हाईकोर्ट ने 21 अगस्त को अलबेदनी बागजी बुग्याल संघर्ष समिति चमोली की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के बुग्यालों से तीन माह के भीतर स्थायी निर्माण हटाने के निर्देश प्रदेश सरकार को दिए थे। इसके साथ ही बुग्यालों में रात्रि विश्राम प्रतिबंधित करने, बुग्यालों में किसी भी प्रकार का निर्माण न होने देने, पारिस्थितिकीय तंत्र के संरक्षण को छह हफ्ते के भीतर ईको डेवलपमेंट कमेटी बनाने समेत अन्य निर्देश भी दिए गए।

अदालत के आदेश के बाद मंगलवार को पीसीसीएफ ने नंदा देवी नेशनल पार्क, गंगोत्री नेशनल पार्क, केदारनाथ वन्यजीव विहार, गोविंद वन्यजीव विहार और पिथौरागढ़, बागेश्वर, बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी, अपर यमुना, टौंस व चकराता वन प्रभाग के डीएफओ को आदेश जारी कर दिए। सभी डीएफओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे अदालत के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं।


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