नहीं रहे उत्तराखंड प्रसिद्ध चित्र शिल्पी सुरेंद्रपाल जोशी
जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य के पहले समकालीन कला संग्रहालय को मूर्त रूप देने वाले प्रसिद्ध चि
जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य के पहले समकालीन कला संग्रहालय को मूर्त रूप देने वाले प्रसिद्ध चित्र शिल्पी सुरेंद्रपाल जोशी (63 वर्ष) का आकस्मिक निधन हो गया। मंगलवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें ब्रेन ट्यूमर था और पिछले काफी दिनों से जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। जयपुर में ही बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। जोशी अपने पीछे पत्नी संगीता जोशी, बेटा परिचय जोशी, बेटी तान्या जोशी को छोड़ गए हैं।
मूलरूप से अल्मोड़ा निवासी सुरेंद्र पाल जोशी का जन्म वर्ष 1955 में देहरादून के गुनियालगांव में हुआ था। कला के क्षेत्र में खासी दिलचस्पी होने के चलते ऋषिकेश से बीए करने के बाद उन्होंने 1980 में लखनऊ के आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स कॉलेज में प्रवेश लिया। 1988 में वह राजस्थान कॉलेज ऑफ आर्ट जयपुर की फाइन आर्ट फैकल्टी में सहायक अध्यापक बन गए। 1997 में फैलोशिप मिलने के बाद ब्रिटेन में म्यूरल आर्ट पर काम किया। 2008 में वीआरएस लेकर उन्होंने नए सिरे से कला का सफर शुरू किया। नए-नए प्रयोग किए, जिनके लिए उन्हें विभिन्न स्तरों पर सम्मानित भी किया गया। उन्होंने घर जयपुर में बना लिया, लेकिन मातृभूमि उत्तराखंड से उनका असीम प्रेम था। वर्ष 2015 के बाद से वह देहरादून के हेमवती नंदन बहुगुणा एमडीडीए कांप्लेक्स में राज्य की पहली आर्ट गैलरी 'उत्तरा समकालीन कला संग्रहालय' को मूर्तरूप देने के लिए काम कर रहे थे। आठ महीने पहले इसका उद्घाटन हुआ था।
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ये मिले अवार्ड
एशियन कल्चरल सेंटर फॉर यूनेस्को (जापान), राजस्थान ललित कला ऐकेडमी, फैलोशिप फॉर म्यूरल डिजाइन बाई द ब्रिटिश आर्ट्स काउंसिल, राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड, गोल्ड मेडल यूनेस्को आदि।
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मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुप्रसिद्ध चित्रकार सुरेंद्रपाल जोशी के असामयिक निधन को उत्तराखंड के साथ ही कला जगत की अपूरणीय क्षति बताया है। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा कि देहरादून में स्थापित 'उत्तरा समकालीन कला संग्रहालय' इस महान चित्र शिल्पी की स्मृतियों को सदैव संजोए रखेगा।