पदोन्नति में आरक्षण पर फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण विषय पर पांच घंटे तक चली बहस में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण विषय पर पांच घंटे तक चली बहस में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। अब जल्द ही सुप्रीम कोर्ट इस पर अपना निर्णय सुनाएगी।
प्रदेश में इस समय पदोन्नति में आरक्षण को लेकर कर्मचारी संगठनों में उबाल है। एक पक्ष इसके खिलाफ है तो दूसरा पक्ष इसके समर्थन में। कुछ समय पूर्व नैनीताल हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाने संबंधी शासनादेश निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। इस मामले में बुधवार को जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस हेमंत गुप्ता की अदालत में इस मामले में अंतिम सुनवाई हुई। सुबह 11 बजे से शुरू हुई इस सुनवाई में उत्तराखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, पीएस नरसिम्हा और उत्तराखंड की स्टैंडिंग काउंसिल वंशजा शुक्ला ने पैरवी की। जनरल ओबीसी इंप्लाइज यूनियन की ओर से रंजीत कुमार व श्रीकुमार परिमल पैरवी में उतरे। वहीं, दूसरे पक्ष की ओर से कपिल सिब्बल, दुष्यंत दवे और कॉलिन गोंजालविज ने पैरवी की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उत्तराखंड की स्टैंडिंग काउंसिल वंशजा शुक्ला ने कहा कि इस मामले में सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक बहस चली। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।