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तो पेश नहीं होगा अनुपूरक बजट!

विधानसभा के 18 सितंबर से प्रारंभ हो रहे मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पेश किए जाने को लेकर असमंजस गहरा गया है।

By Edited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 03:03 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 09:05 AM (IST)
तो पेश नहीं होगा अनुपूरक बजट!
तो पेश नहीं होगा अनुपूरक बजट!
राज्य ब्यूरो, देहरादून विधानसभा के 18 सितंबर से प्रारंभ हो रहे मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पेश किए जाने को लेकर असमंजस गहरा गया है। अब अनुपूरक पेश किए जाने के आसार न के बराबर हैं। दरअसल चालू वित्तीय वर्ष में अब तक जारी 55 फीसद बजट का बड़ा हिस्सा महकमे खर्च नहीं कर पाए हैं। इस वजह से महकमों ने अनुपूरक के लिए मांग ही नहीं की है। अलबत्ता महकमों से अनुपूरक की मांग आई तो इसे अगली कैबिनेट बैठक में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है। विधानसभा सत्र 18 सितंबर से शुरू होकर 24 सितंबर तक चलेगा। 18, 19 व 20 सितंबर तक सत्र चलेगा। 21, 22 व 23 सितंबर को अवकाश है। इस वजह से विधानसभा सत्र में असरकारी कार्य दिवस के तौर पर 24 सितंबर को रखा गया है। सरकार की मंशा मानूसन सत्र में अनुपूरक बजट पेश करने की तो है, लेकिन बजट खर्च को लेकर महकमों की सुस्ती आड़े आ गई है। वजह शासन स्तर से ही राज्य के कुल बजट प्रावधान का महज 55.21 फीसद यानी आधे से कुछ ही ज्याद बजट महकमों को जारी हुआ हो पाया है। 31 जुलाई तक प्रदेश के कुल बजट प्रावधान 45585.08 करोड़ के सापेक्ष 25168.95 करोड़ रुपये यानी 55.21 फीसद स्वीकृति जारी की गई है। जिला सेक्टर में 550 करोड़ बजट के सापेक्ष 200 करोड़ यानी महज 36.36 फीसद स्वीकृति जारी की गई है। राज्य सेक्टर में बजट 35924.97 करोड़ के सापेक्ष 22101.62 करोड़ की स्वीकृति जारी हुई। केंद्रपोषित योजना में 7597.84 करोड़ रुपये बजट के सापेक्ष 2600.55 करोड़ यानी 34.23 फीसद और बाह्य सहायतित योजना में 1512.27 करोड़ के सापेक्ष 266.78 करोड़ यानी 17.64 फीसद स्वीकृति जारी की गई है। बजट खर्च की स्थिति अच्छी नहीं है। स्वीकृत बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं होने पर मुख्यमंत्री नाराजगी भी जता चुके हैं। चूंकि मुख्य बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं हो सका है, ऐसे में महकमों ने अनुपूरक मांगें शासन को भेजी नहीं हैं। इस वजह से मानसून सत्र में अब अनुपूरक बजट पेश करने की संभावनाएं क्षीण हैं। वित्त, विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होना शेष है, इस वजह से महकमों ने अनुपूरक मांग नहीं की है। यदि अनुपूरक मांगें आई तो उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। हालांकि अनुपूरक मांगें आने की संभावना अब कम है। गौरतलब है कि अनुपूरक बजट मानसून सत्र में पेश नहीं हुआ तो भविष्य में इसे जाने को 2018 की समाप्ति से पहले विधानसभा सत्र आहूत करना पड़ सकता है।

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