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आयुर्वेद छात्रों के तेवर तल्ख, बेमियादी अनशन की चेतावनी दी

जागरण संवाददाता देहरादून आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध निजी कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ छात्र-

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:05 PM (IST)
आयुर्वेद छात्रों के तेवर तल्ख, बेमियादी अनशन की चेतावनी दी
आयुर्वेद छात्रों के तेवर तल्ख, बेमियादी अनशन की चेतावनी दी

जागरण संवाददाता, देहरादून: आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध निजी कॉलेजों की मनमानी के खिलाफ छात्र-छात्राओं का आंदोलन जारी है। नौ दिन तक हर्रावाला स्थित विवि के गेट पर धरना-प्रदर्शन के बाद निजी कॉलेजों के छात्र अब परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर क्रमिक अनशन कर रहे हैं। शुक्रवार को दूसरे दिन भी छात्र-छात्राओं का क्रमिक अनशन जारी रहा। अजय, प्रगति जोशी व पवन मौर्य अनशन पर रहे। शनिवार से छात्र-छात्राओं ने आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी है। कहा कि यदि सरकार कॉलेजों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती है तो छात्र-छात्राएं राजभवन कूच कर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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छात्र-छात्राओं का कहना है कि आयुर्वेद विवि से संबद्ध निजी आयुष कॉलेज उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। छात्रों पर बढ़ा हुआ शुल्क जमा करने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन पर मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप भी उन्होंने लगाया है। कहा कि पिछले साल निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों में शुल्क 80 हजार रुपये से बढ़ाकर सवा दो लाख रुपये कर दिया गया था। इसके बाद छात्र व उनके अभिभावक नैनीताल उच्च न्यायालय की शरण में गए और याचिका दायर की। कोर्ट ने शुल्क बढ़ोत्तरी को निरस्त कर दिया। साथ ही दो सप्ताह के भीतर बढ़ा शुल्क वापस करने का आदेश भी निजी कॉलेजों को दिया था। लेकिन कॉलेजों की हठधर्मिता यह कि वह न्यायालय के आदेश भी वह नहीं मान रहे हैं। यही नहीं कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्र-छात्राओं को धमकाया भी जा रहा है और मानसिक उत्पीड़न भी किया जा रहा है। बढ़ा हुआ शुल्क जमा नहीं करने पर ना ही पूरक परीक्षा के लिए फॉर्म भरने दिया जा रहा है और ना ही कॉलेज में प्रवेश करने दिया जा रहा है। कहा कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा मामले का समाधान करने के लिए जो त्रिपक्षीय बैठक बुलाई गई थी उसमें भी निजी कॉलेजों के संचालकों ने प्रतिभाग नहीं किया है। इससे जाहिर होता है कि कॉलेज पूरी तरह बेलगाम हैं। उन्हें ना ही न्यायालय के आदेश की परवाह है और ना ही सरकार व शासन का डर। चेतावनी दी कि यदि कॉलेजों का यही रवैया बना रहा तो छात्र-छात्राएं आमरण अनशन कर आंदोलन को उग्र रूप देंगे। इसके बाद राजभवन, सीएम आवास व सचिवालय भी कूच किया जाएगा।


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