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उत्‍तराखंड में भाजपा के घटनाक्रम से कांग्रेस में भी हलचल

विधानसभा चुनाव से तकरीबन सालभर पहले भाजपा सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों से उत्साहित कांग्रेस में अब धीरे-धीरे बेचैनी बढ़ रही है। सरकार की कमान किन हाथों में होगी इसे लेकर भाजपा से ज्यादा उत्सुकता कांग्रेस में है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 11:25 PM (IST)
उत्‍तराखंड में भाजपा के घटनाक्रम से कांग्रेस में भी हलचल
भाजपा सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों से उत्साहित कांग्रेस में अब धीरे-धीरे बेचैनी बढ़ रही है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। विधानसभा चुनाव से तकरीबन सालभर पहले भाजपा सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों से उत्साहित कांग्रेस में अब धीरे-धीरे बेचैनी बढ़ रही है। सरकार की कमान किन हाथों में होगी, इसे लेकर भाजपा से ज्यादा उत्सुकता कांग्रेस में है। अभी तक त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को केंद्र में रखकर चुनावी रणनीति को अंजाम दे रही प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी इस बात से आशंकित है कि भाजपा किसी अन्य तेजतर्रार नेता को प्रदेश सरकार की बागडोर सौंप सकती है। ऐसे में कांग्रेस को भी अपने 'कंफर्ट जोन' से बाहर निकलकर नए सिरे से तैयारी करनी पड़ सकती है।

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त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के चार साल पूरे करने से पहले ही प्रदेश में भाजपा में जिस तरह सियासी हलचल तेज हुई है, इससे कांग्रेस सुकून में है। चार साल पूरे होने के मौके पर जश्न की तैयारी में डूबी राज्य सरकार अब जिसतरह अनिश्चितता में गोते लगा रही है, उससे कांग्रेस को और हावी होने का मौका मिल गया है। बीते शनिवार से भाजपा के इस अंदरूनी घटनाक्रम पर कांग्रेस पूरी तरह नजर रखे हुए है।

सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को जैसे-जैसे बल मिल रहा है, कांग्रेस में भी 'कभी खुशी कभी गम' सरीखे हालात बन रहे हैं। प्रचंड बहुमत से सत्ता पर काबिज भाजपा में पहली दफा बड़े स्तर पर अंतर्कलह से कांग्रेस में आम माहौल खुशी का है। वहीं नेतृत्व परिवर्तन को लेकर किसी अन्य तेजतर्रार चेहरे को आगे करने की आशंका से ही कांग्रेस के माथे पर बल भी पड़े हैं। कांग्रेस के भीतर इसे लेकर मंथन भी प्रारंभ हो गया है। नेतृत्व परिवर्तन खासतौर पर किसी अन्य धुर सियासतदां को सामने लाने की स्थिति में कांग्रेस को नए सिरे से तैयारी में जुटना होगा।

कांग्रेस के असहज होने की एक वजह ये भी है कि नेतृत्व परिवर्तन होने की स्थिति में सरकार के खिलाफ चार साल के एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को भुनाना विपक्ष के लिए आसान नहीं रहने वाला है। कांग्रेस और उसके रणनीतिकारों ने अभी तक अपनी रणनीति त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को केंद्र में रखकर बनाई है। विधायकों और मंत्रियों के साथ नौकरशाही की खींचतान जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस मुखर रही है। फिलहाल कांग्रेस की टकटकी भाजपा के घटनाक्रम पर लगी है।

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