देहरादून में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़, एसटीएफ को मिली करोड़ों की ट्रांजेक्शन
स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने पॉश इलाका बसंत विहार क्षेत्र में एक इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। कॉल सेंटर से विदेशों में बैठे बुजुर्गों को ठगी का शिकार बनाया जाता था। ठगों से भारी मात्रा में कंप्यूटर मोबाइल और अन्य उपकरण जब्त किए गए हैं।
जागरण संवाददात, देहरादून : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जोकि विदेशों में रहने वाले बुजुर्गों से ठगी करता था। शातिरों ने वसंत विहार क्षेत्र में कॉल सेंटर बनाया हुआ था, जहां पर पूरा सेटअप तैयार हुआ था। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को भी दबोचा है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। दिल्ली में बैठे उनके आकाओं को दबोचने के लिए पुलिस रणनीति बना रही है।
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि देहरादून में एक ऐसे कॉल सेंटर संचालित होने की सूचना मिली थी, जहां पर विदेशों में रहने वाले बुजुर्ग, दिव्यांग, सेना से रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों को ठगा जा रहा है। ठग सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) हासिल कर उनका व्यक्तिगत विवरण हासिल कर लेते हैं। बुजुर्गों को वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) कॉल करके पुलिस अधिकारी व लॉ इंफोरर्समेंट एजेंसी का अधिकारी बनकर उन्हें धमकाते थे। ठगों की ओर से बुजुर्गों को फोन करके कहा जाता था कि आप गैर कानूनी काम कर रहे हैं या आपके बैंक खाते का किसी ऐसे अकाउंट से संबंध है जोकि अवैध कार्य से संबंधित है। आपके एसएसएन नंबर से एक पता और जुड़ा है जहां अवैध हथियार या नशा तस्करी का सामान बरामद हुआ है।
इसके अलावा कुछ बुजुर्गों को कोरोना काल में बीमा पॉलिसी पर स्कीम व बोनस का लालच देकर धनराशि अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं। इस तरह ठग डॉलर में रकम प्राप्त करके भारत में करोड़ रुपये प्रतिमाह कमाते हैं। सूचना के आधार पर एसटीएफ के अपर अधीक्षक स्वतंत्र कुमार, पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में निरीक्षक पंकज पोखरियाल व टेलीकम्न्यूनिकेशन विभाग, साइबर पुलिस और वसंत विहार थाना पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित की गई। टीम ने रात 10 बजे क्वीनस टावर पर अंतराष्ट्रीय कॉल सेंटर पर दबिश दी। मौके पर मौजूद काम कर रहे कर्मचारियों से पूछताछ की गई तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। सख्ती से पूछताछ में कर्मचारियों ने बताया कि वह दिल्ली में कार्य करते थे। बाद में उन्हें सीनियर जोकि दिल्ली व नोएडा में रहते हैं, ने आदेश पर देहरादून भेजा गया। कॉल सेंटर में वह संयुक्त राज्य अमेरिका में निवासरत वरिष्ठ नागरिक व दिव्यांगों को फोन करके उनके साथ धोखाधड़ी कर उनकी धनराशि अपने सीनियरों के खातों में ट्रांसफर करवाते हैं।
यह शातिर चढ़े पुलिस के हत्थे
गिरफ्तार किए गए शातिरों में दानिश अत्री निवासी विष्णु गार्डन नई दिल्ली, संदीप गुप्ता निवासी मंगोलपुरी नई दिल्ली, अर्चित विलफ्रिड निवासी शनि मंदिर कैनाल रोड देहरादून, नारायण अधिकारी निवासी सेक्टर सात रोहिणी नई दिल्ली व आयुष्मान मल्होत्रा निवासी शाहदरा नई दिल्ली शामिल हैं।
डेटाबेस के आधार पर करते हैं काम
पकड़े गए आरोपित आयुष्मान मल्होत्रा ने बताया कि उनके सीनियर उन्हें डेटाबेस उपलब्ध कराते हैं। जिस पर उन्हें निर्धारित लक्ष्य दिया जाता है, जोकि उन्हें पूरा करना होता है। इसके बदले उन्हें निर्धारित वेतन व कमीशन दिया जाता है। वह सीनियरों से वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए हैं। उनको समय-समय पर डेटाबेस, स्क्रीप्ट व आडियो मिलते हैं, कि उन्हें किस तरह बात करनी है। पूछताछ में ठगों की ओर से कई करोड़ रुपये की धनराशि का अवैध लेनदेन की बात भी सामने आई है।
टाइम जोन देखने के लिए लगाई थी घडिय़ां
ठगों ने अमेरिका का टाइम देखने के लिए टाइम जोन की तीन घडिय़ां लगाई हुई थी। इसी आधार पर वह अपना काम रात को शुरू करके सुबह खत्म करते थे। उनसे 21 कंप्यूटर, आठ मोबाइल फोन, नकदी, आइ पैड फॉच्र्यूनर करा तीन घडिय़ां, वाइफाइ, बरामद की गई हैं।
यह भी पढ़ें-वसंत विहार क्षेत्र में युवती से मोबाइल लूटने वाले दो नाबालिग पकड़े
डीजीपी ने की पुरस्कार की घोषणा
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश करने वाली टीम को उत्साहवर्धन के लिए 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। साथ ही टेलीकम्न्यूकेशन की टीम की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने को कहा है।