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उत्‍तराखंड में हो रही है बिजली चोरी, अधिकारी बता रहे लाइन लास

राज्‍य में बिजली चोरी पर लगाम नहीं लग रही है। यूपीसीएल प्रबंधन इसको छिपाने के लिए भले ही इसे लाइन लॉस का नाम देता रहे, लेकिन कुल लाइन लॉस में ज्यादा मामले बिजली चोरी के हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 09:27 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 09:27 AM (IST)
उत्‍तराखंड में हो रही है बिजली चोरी, अधिकारी बता रहे लाइन लास

देहरादून, गौरव ममगाईं। उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लि. (यूपीसीएल) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है। यूपीसीएल प्रबंधन इस नाकामी को छिपाने के लिए भले ही इसे लाइन लॉस का नाम देता रहे, लेकिन कुल लाइन लॉस में करीब 90 फीसद से ज्यादा मामले बिजली चोरी के हैं। वर्तमान में प्रदेशभर में करीब 16 फीसद से ज्यादा बिजली का यूपीसीएल को भी अता-पता नहीं है। चौंकाने वाली बात यह भी कि प्रदेशभर की पांच डिवीजन तो ऐसी हैं, जहां 30 से 49 फीसद तक लाइन लॉस हो रहा है। इसमें हर साल करीब 800 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान का अनुमान है। अब इस पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने भी सख्त रुख अपनाया है।

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प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न उत्तराखंड राज्य में ऊर्जा का बड़े स्तर पर उत्पादन किया जाता है। बड़ी-बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं के दम पर राज्य न सिर्फ अपनी जरुरतें पूरी करता है, बल्कि अन्य राज्यों को भी बिजली उपलब्ध कराता है। लेकिन, फिर भी प्रदेशवासियों को बिजली कटौती की समस्या का सामना करना पड़ता है।

इसकी मुख्य वजह यह है कि यूपीसीएल बिजली की मांग को पूरी करने के लिए जितनी बिजली की खरीद करता है, उसमें से बड़ी मात्रा में बिजली चोरी, पारेषण समेत कई अन्य कारणों से बिजली का नुकसान होता रहता है। लाइन लॉस में देहरादून, बागेश्वर, हरिद्वार, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग जिलों की डिवीजन सबसे ऊपर हैं। अब विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने यूपीसीएल को सर्वाधिक लाइन लॉस वाले डिवीजनों को चिह्नित कर इसमें सुधार लाने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने भी माना कि लाइन लॉस में बिजली चोरी के मामले सर्वाधिक हैं। यूपीसीएल प्रबंधन ने भी उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

आम उपभोक्ताओं पर पड़ता है बोझ 

दरअसल, लाइन लॉस के कारण यूपीसीएल को हर साल 800 करोड़ से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ता है। इस नुकसान की भरपाई के लिए यूपीसीएल की ओर से बिजली दरों में आंशिक वृद्धि की जाती है। इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। 

इन डिवीजनों में सर्वाधिक लाइन लॉस:

  • विद्युत वितरण खंड(ईडीडी) नारायणबगढ़, 49
  • ईडीडी रुद्रप्रयाग , 32.75
  • ईडीडी रूड़की, 36.43
  • ईडीडी बागेश्वर, 31.76
  • ईडीडी विकासनगर, 33.45
  • ईडीडी उत्तरकाशी, 36.69
  • ईडीडी धारचूला, 30.20

(नोट: लाइन लॉस के आंकड़े प्रतिशत में हैं)

एके सिंह (प्रवक्ता, यूपीसीएल) का कहना है कि विद्युत नियामक आयोग की ओर से बिजली चोरी समेत लाइन लॉस रोकने के निर्देश मिले हैं। इस पर यूपीसीएल गंभीर है। लाइनों में बिजली चोरी रोकने को आधुनिक डिवाइस लगाई जाएगी। जल्द ही विजिलेंस भी बड़े स्तर पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर सकती है। 

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