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राज्य आंदोलनकारी काला झंडा लेकर 23 को करेंगे विधानसभा कूच, जानिए क्यों हैं नाराज

मांग पर कार्रवाई न होने से नाराज राज्य आंदोलनकारी 23 सितंबर को काला झंडा लेकर विधानसभा कूच कर प्रदर्शन करेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 06:45 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 07:29 AM (IST)
राज्य आंदोलनकारी काला झंडा लेकर 23 को करेंगे विधानसभा कूच, जानिए क्यों हैं नाराज

देहरादून, जेएनएन। लंबित मांग पर कार्रवाई न होने से नाराज राज्य आंदोलनकारी 23 सितंबर को काला झंडा लेकर विधानसभा कूच कर प्रदर्शन करेंगे। सभी आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर एकत्रित होने के बाद आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण, गैरसेंण स्थायी राजधानी, दिवंगत आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन समेत विभिन्न मांग करेंगे।

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चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति की शनिवार को वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें समिति से जुड़े विभिन्न जिलों और दिल्ली के सदस्य शामिल हुए। समिति के मुख्य केंद्रीय संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि 23 सितंबर को समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट और महिला शाखा की अध्यक्ष सावित्री नेगी के नेतृत्व में राज्य आंदोलनकारी देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक से विधानसभा कूच करेंगे। बैठक में 13 जिलों और दिल्ली एनसीआर के प्रतिनिधियों ने भी अपना समर्थन दिया। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के हक में फैसला नहीं दे रही है, जिससे उनमें आक्रोश है। बैठक में समिति की केंद्रीय संरक्षक कमला पांडे, हरि कृष्ण भट्ट, अनिल पंत, मनमोहन शाह, प्रेमा धोनी, बृज मोहन सेमवाल, राजेंद्र बिष्ट, चंद्रशेखर कपरवाण, सूरज नेगी, अरुणा थपलियाल, मनीष नागपाल, अवतार सिंह बिष्ट, अनिल जोशी, जानकी गोस्वामी, जानकी प्रसाद, राजेंद्र बिष्ट, नरेश भट्ट, रईस अहमद, लीला, सरिता नेगी, देवी प्रसाद व्यास, कृपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

निधन पर जताया दुख 

चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति ने नैनीताल के रानीबाग निवासी राज्य आंदोलनकारी रहे नारायण लाल चौधरी के निधन पर दुख जताया। समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उनके निधन से आंदोलनकारियों की आवाज कमजोर हुई है। 

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच कल देगा धरना

राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण एक्ट लागू करने, एक समान पेंशन के साथ लंबित मांगों का निस्तारण को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच 21 सितंबर को धरना देगा। शनिवार को मंच की वर्चुअल बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि लंबे समय से आंदोलन के बाद भी उनकी मांग पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।

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मुजफ्फरनगर, खटीमा मसूरी गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलाने, वरिष्ठ आंदोलनकारी रहे बीएल सकलानी के एकत्रित तथ्य और संकलनों को शहीद स्मारक में संजोए जाने, स्थायी राजधानी गैरसैंण घोषित करने, समूह ग की भर्ती के लिए रोजगार कार्यालय में पंजीकरण की अनिवार्यता, सशक्त लोक आयुक्त गठन, राज्य का भू-कानून लागू, 2025 के होने वाला परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किए जाने और बेरोजगारो के लिए राजकीय भर्ती व्यवस्था शीघ्र लागू करने की मांग की जा रही है। कहा कि इन सभी मुद्दों को लेकर पंडित दीन दयाल पार्क में धरना दिया जाएगा, इस दौरान वरिष्ठ आंदोलनकारी रहे बीएल सकलानी को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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