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नवदुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना

जागरण संवाददाता विकासनगर श्रद्धालुओं ने नवरात्र के सातवें दिन नवदुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 07:45 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 07:45 PM (IST)
नवदुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना
नवदुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना

जागरण संवाददाता, विकासनगर: श्रद्धालुओं ने नवरात्र के सातवें दिन नवदुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा अर्चना की। घरों में दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ मंदिरों में कीर्तन कार्यक्रम आयोजित हुए। श्रद्धालुओं ने मां से परिवार की कुशलता के लिए मन्नतें मांगी।

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बतादें कि नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है। मान्यता है कि इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। मां कालरात्रि के ब्रह्मांड के स²श गोल तीन नेत्र हैं। जिनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निकलती हैं। मां की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती हैं। इनका वाहन गंर्दभ है। ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभयमुद्रा में है। बाई तरफ के ऊपर वाले हाथ में कांटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के सातवें दिन साधक का मन 'सहस्त्रार' चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। सहस्त्रार चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णत: मां कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है, उसके समस्त पापों-विघ्नों का नाश हो जाता है। उसे अक्षय पुण्य-लोकों की प्राप्ति होती है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली व ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली माना जाता है। माना जाता है कि कालरात्रि की कृपा से भक्त सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है। नवरात्रि की सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की आराधना से पुण्य लोक की प्राप्ति होने का वर्णन मिलता है। पछवादून के विकासनगर, सहसपुर, हरबर्टपुर, कालसी आदि क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने विधि विधान ने पूजा-अर्चना कर सभी पापों से मुक्ति पाकर पुण्य लोक प्राप्ति की कामना की। माता को चढ़ाया चांदी का छत्र

विकासनगर: नगर के श्री महाकाली माता मंदिर समिति पुरबिया लाइन की ओर से शनिवार को माता को 750 ग्राम का चांदी का छत्र चढ़ाया गया। इसके अलावा भक्तों ने भजन कीर्तन कर मां कालरात्रि का गुणगान किया। इस मौके पर मंदिर समिति अध्यक्ष डा. सियाराम पटेल, पंडित मनोज पैन्युली, नंद किशोर, रामकिशोर शर्मा, बोबी, अजय ठाकुर, बबली देवी, राजन शर्मा, सीमा देवी, अभिषेक कश्यप, बाला देवी, सुषमा देवी, कांता देवी आदि मौजूद रहे।


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