देहरादून की रिस्पना नदी को नया जीवन देगा सौंग बांध, पढ़िए पूरी खबर
सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार सौंग बांध पेयजल परियोजना अब मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी दून की रिस्पना नदी को जीवनदान देगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार सौंग बांध पेयजल परियोजना अब मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकी दून की रिस्पना नदी को जीवनदान देगा। टिहरी जिले की धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र के सौंधना गांव में बनने वाले सौंग बांध से देहरादून जिले को 24 घंटे ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध होगा। साथ ही बांध में अतिरिक्त पानी होने पर इसे दून की रिस्पना नदी में छोड़ा जाएगा। इस पहल से रिस्पना को नया जीवन मिलेगा। सिंचाई विभाग इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
देहरादून जिले की पेयजल समस्या के निदान के लिए प्रदेश सरकार ने महत्वाकांक्षी सौंग बांध पेयजल परियोजना की शुरुआत की है। 1100 करोड़ की लागत वाली इस योजना के लिए टेस्टिंग और सर्वे कार्य पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस परियोजना को एक मॉडल के रूप में विकसित करने की सरकार की मंशा है।
128 मीटर ऊंचे और करीब चार किमी की लंबाई में बनने वाले सौंग बांध से रायपुर क्षेत्र व देहरादून शहर के साथ ही जिले के अन्य हिस्सों को ग्रेविटी आधारित योजना से पानी उपलब्ध होगा। ऐसे में दून में भूजल के निरंतर हो रहे विदोहन पर अंकुश लग सकेगा। साथ ही सौंग बांध की झील को पर्यटन के तौर पर भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के मकसद से करीब दो दर्जन घराटों का क्लस्टर भी तैयार होना है। बांध परियोजना की आयु सौ साल होगी और इससे 2123 तक जलापूर्ति होती रहेगी।
अब सौंग बांध दून की रिस्पना नदी को भी नवजीवन देगा। असल में सरकार ने रिस्पना के पुनरुद्धार के तहत रिस्पना से ऋषिपर्णा मुहिम शुरू की है। इस कड़ी में रिस्पना के दोनों तरफ बड़ी संख्या में जल संरक्षण में सहायक पौधों के रोपण के साथ ही इसके जलसमेट क्षेत्रों (कैचमेंट एरिया) के विकास पर फोकस किया गया है। इस पहल में सौंग बांध भी योगदान देने जा रहा है।
यह भी पढ़ें: साबरमती की तर्ज पर 10 साल से चल रही रिस्पना-बिंदाल की सूरत संवारने की कवायद
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता पीसी गौड़ के अनुसार सौंग बांध परियोजना विशुद्ध रूप से देहरादून जिले में पेयजल आपूर्ति के लिए है, लेकिन बांध की झील में अतिरिक्त पानी होने पर इसके उपयोग को लेकर भी गहनता से विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सौंग बांध से अतिरिक्त पानी को रिस्पना नदी में छोड़ा जाएगा। इससे नदी भी जीवित हो जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि इस बारे में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही शासन के समक्ष रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें: ..तो अधूरी तैयारी से सूख गए हैं रिस्पना में रोपे गए पौधे Dehradun News