देश में बढ़ेगा ग्लेशियरों के अध्ययन का दायरा, छह ग्लेशियरों की हो रही मॉनिटरिंग
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के छह ग्लेशियरों की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहा वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान अपने अध्ययन का दायरा बढ़ाने जा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के छह ग्लेशियरों की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहा वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान अपने अध्ययन का दायरा बढ़ाने जा रहा है। निकट भविष्य में संस्थान का हिमनद केंद्र (ग्लेशियोलॉजी सेंटर) हिमाचल में एक व जम्मू कश्मीर के छह ग्लेशियरों की मॉनिटरिंग शुरू करेगा।
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के हिमनद विशेषज्ञ डॉ. डीपी डोभाल के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में पंछीनाला ग्लेशियर की मॉनिटरिंग की तैयारी की जा रही है। वहीं, जम्मू और कश्मीर में श्योक नदी बेसिन के करीब आधा दर्जन ग्लेशियर की मॉनिटरिंग की दिशा में भी काम तेज कर दिया गया है। श्योक नदी बेसिन सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। इन सभी क्षेत्रों में ऑटो वेदर स्टेशन लगाए जाएंगे। इससे स्पष्ट रूप से जानकारी मिलेगी कि ग्लेशियर क्षेत्र में तापमान का क्या ट्रेंड देखने को मिल रहा है और हर साल कितनी बर्फ जमा हो रही है। इसके अलावा ग्लेशियरों के पिघलने व बढ़ने की दर की भी सटीक जानकारी मिल पाएगी। दूसरी तरफ इन ग्लेशियरों की सेटेलाइट के माध्यम से भी निरंतर निगरानी करने का निर्णय लिया गया है।
जल्द शुरू होगा सर्वे
ग्लेशियरों की मॉनिटरिंग के लिए वाडिया संस्थान इनका जल्द सर्वे कराएगा। ताकि स्पष्ट किया जा सके कि किस ग्लेशियर की वर्तमान में लंबाई, चौड़ाई व आकार कितना है। भविष्य में इस आकार में आ रहे परिवर्तन के हिसाब से आंकड़े जारी किए जाएंगे।
इन ग्लेशियरों की होगी मॉनिटरिंग
- प्रदेश------------ग्लेशियर------------आकार
- हिमाचल----------पंछीनाला------------4.50 वर्ग किमी
- जम्मू कश्मीर------कॉन्डस------------311
- जम्मू कश्मीर-------सेंट्रल रिमो-------273
- जम्मू कश्मीर---------एलिंग----------102
- जम्मू कश्मीर--------घंडोगोरो----------91
- जम्मू कश्मीर--------चोगोलिसा--------66
- जम्मू कश्मीर---------मशेबरम---------30
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अभी इन ग्लेशियरों की चल रही निरंतर मॉनिटरिंग
उत्तराखंड
- वर्ष 2003 से (चौराबाड़ी व डुकरानी)
- वर्ष 2014 से (गंगोत्री, पिंडारी, दूनागिरी, काफनी)
लद्दाख
- वर्ष 2016 से (पैनिंग-सुला)
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