एसआइटी ने शासन को सौंपी फाइनल रिपोर्ट
एनएच 74 (हरिद्वार-ऊधमसिंह नगर-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग) चौड़ीकरण मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआइटी की अंतिम रिपोर्ट शासन में पहुंच चुकी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एसआइटी ने आइएएस अधिकारियों के बयान लेने के बाद इनमें से एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: एनएच 74 (हरिद्वार-ऊधमसिंह नगर-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग) चौड़ीकरण मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआइटी की अंतिम रिपोर्ट शासन में पहुंच चुकी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एसआइटी ने आइएएस अधिकारियों के बयान लेने के बाद इनमें से एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
एनएच 74 चौड़ीकरण मुआवजा घोटाले की एसआइटी ने एक बार फिर जांच पूरी कर ली है। एक बार फिर इसलिए, क्योंकि एसआइटी ने इसी वर्ष जुलाई में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में आइएएस पंकज कुमार पांडेय और चंद्रेश यादव पर जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर के पद पर रहते हुए आर्बिट्रेटर के रूप में लिए गए निर्णयों पर सवाल उठाए गए थे। इस रिपोर्ट से शासन में हड़कंप मच गया था। शासन ने दोनों अधिकारियों को आरोपपत्र देने के साथ ही एसआइटी को फिर से रिपोर्ट वापस भेज दी थी। शासन ने इस दौरान दोनों आइएएस से पूछताछ के बाद अंतिम रिपोर्ट बनाने को कहा था। एसआइटी पहले ही दोनों अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है। वहीं सरकार एसआइटी की पहली रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों को निलंबित भी कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो अब एसआइटी ने दोनों अधिकारियों से की गई पूछताछ के बाद अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। इस रिपोर्ट में पूरे प्रकरण से जुड़े कई अहम तथ्य सामने रखे गए हैं। सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट में सबसे अहम बात यह है कि इसमें पूछताछ के बाद सिर्फ एक अधिकारी के खिलाफ अभियोजन की अनुमति मांगी गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक अधिकारी को एसआइटी ने संदेह के दायरे से बाहर कर दिया है।
इस संबंध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि विधानसभा सत्र में व्यस्तता के चलते फिलहाल उन्हें इस रिपोर्ट के संबंध में जानकारी नहीं है।