नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को सात साल की सजा
विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने नाबालिग छात्रा से पहले दुष्कर्म फिर उसे घर से अगवा करने के मामले में दोषी को सात साल की कैद की सजा सुनाई।
देहरादून, [जेएनएन]: नाबालिग छात्रा से पहले दुष्कर्म फिर उसे घर से अगवा करने के मामले में दोषी को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने सात साल की कैद व चालीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड में से बीस हजार रुपये पीडि़ता को देने का आदेश दिया है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
विशेष लोक अभियोजक भरत सिंह नेगी ने पोक्सो कोर्ट को बताया कि घटना सात जून 2015 की है। निसार पुत्र अबुल निवासी भीमावाला, विकासनगर हाईस्कूल में पढऩे वाली छात्रा को बहला-फुसला कर भगा ले गया। घर वालों को जब इस बात की भनक लगी तो तत्काल पुलिस को सूचना दी गई है। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और उसी दिन छात्रा को आइएसबीटी से बरामद करते हुए आरोपित निसार को गिरफ्तार कर लिया गया। मेडिकल के उपरांत छात्रा के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराए गए।
बयान में छात्रा ने बताया कि निसार उसका सीनियर रह चुका है। वह आए दिन उससे बात करने की कोशिश करता। एक दिन वह उसे जंगल में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसका विरोध करने पर वह शादी का झांसा देने लगा। अभियोजन पक्ष ने अदालत में सात गवाह पेश किए, जबकि बचाव पक्ष की ओर से तीन लोगों ने गवाही दी। अदालत ने छात्रा के मजिस्ट्रेटी बयान व पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर निसार को सात साल कैद की सजा सुनाई है।
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