Doon Hospital: न्यूरो सर्जरी में पंद्रह बेड का अलग आइसीयू, मरीजों को नहीं भटकना पड़ेगा दर-दर
Doon Hospita न्यूरो सर्जरी विभाग की व्यवस्थाएं सुदृढ़ की जा रही हैं। अस्पताल में न्यूरो सर्जरी के लिए अलग से 15 बेड का आइसीयू वॉर्ड बना दिया गया है। साथ ही अस्पताल में एक और वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. संजय चौधरी ने ज्वाइन किया है।
देहरादून, जेएनएन। Doon Hospita दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय को एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में विकसित किया जा रहा है। कोरोनाकाल में न केवल अस्पताल के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है, बल्कि लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी पहले से काफी बेहतर हुआ है। इसी क्रम में अब न्यूरो सर्जरी विभाग की व्यवस्थाएं सुदृढ़ की जा रही हैं। अस्पताल में न्यूरो सर्जरी के लिए अलग से 15 बेड का आइसीयू वॉर्ड बना दिया गया है। साथ ही अस्पताल में एक और वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. संजय चौधरी ने ज्वाइन किया है, जो मैक्स अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे थे।
दरअसल, कोरोनेशन अस्पताल (जिला अस्पताल) में एक न्यूरो सर्जन हैं, लेकिन वहां आइसीयू की सुविधा नहीं है। इसके अलावा सीटी स्कैन, एमआरआइ आदि की भी व्यवस्था नहीं है। वहीं, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी एक ही न्यूरो सर्जन डा. डीपी तिवारी हैं। कोरोना से पहले यहां भी मात्र पांच ही आइसीयू बेड थे, जिस वजह से ऑपरेशन कम हो रहे थे।
ऐसे में मरीजों को मजबूरन महंगी दरों पर निजी अस्पतालों में इलाज और सर्जरी करवानी पड़ रही थी। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने बताया कि पंद्रह बेड का आइसीयू वॉर्ड तैयार कर दिया गया है। डॉक्टरों को इमरजेंसी केस करने के लिए कह दिया गया है। वहीं, सामान्य केस भी धीरे-धीरे लेने शुरू किए जाएंगे। नए डॉक्टर के आने से भी काफी राहत मिलेगी।
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बहरहाल, यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना से जंग के लिए की गई तैयारियों ने स्वास्थ्य सेवाओं में जान फूंकने का काम किया है। अब इस व्यवस्था के बाद न्यूरो संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को सहूलियत होगी। उन्हें अब सर्जरी के लिए निजी अस्पतालों में नहीं भटकना पड़ेगा। इसके अलावा न ही महंगी दरों पर इलाज करवाने की बाध्यता रहेगी।