नहीं रहे वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एंवं शिक्षक नेता केपी उनियाल
राज्य निर्माण आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं शिक्षक नेता केपी उनियाल का शनिवार को निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य निर्माण आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं शिक्षक नेता केपी उनियाल का शनिवार को निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। उन्होंने चंदर नगर स्थित आवास पर सुबह 4:30 बजे अंतिम सांस ली। दोपहर में लक्खीबाग श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। जहां उन्हें बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी। विभिन्न आंदोलनकारी संगठनों ने उनके निधन पर शोक जताया है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने बताया कि साधुराम इंटर कॉलेज में अध्यापक रहे केपी उनियाल वामपंथी विचारधारा से जुड़ाव रखते थे। वह व्यवहार कुशल होने के साथ अच्छे वक्ता भी थे। आंदोलनकारियों की रैली और बैठकों में वह हमेशा एकता की बात कहते थे। वह उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री भी रहे। उनके तीन बेटों में मंझले बेटे का कुछ साल पहले निधन हो गया था। बड़े बेटे जीएमवीएन में इंजीनियर हैं और दून में रहते हैं, जबकि छोटा बेटा कैलिफोर्निया में रहता है।
चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने भी केपी उनियाल के निधन पर शोक व्यक्त किया। समिति की केंद्रीय शाखा के अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट, अवतार सिंह बिष्ट, कार्यकारी अध्यक्ष सरिता नेगी, डॉ. विजेंद्र पोखरियाल, अनिल जोशी, अमर सिंह, सावित्री नेगी, मनीष नागपाल, भूपेंद्र सिंह लिगवाल, जगमोहन सिंह नेगी, केशव उनियाल, प्रदीप कुकरेती, हरजिदर सिंह, पूरण सिंह लिगवाल, अशोक वर्मा, ओमी उनियाल, प्रभात डंडरियाल, शिवानंद चमोली, वेदानंद कोठारी, सुदेश सिंह, अमर सिंह आदि आंदोलनकारियों ने भी शोक जताते हुए उनियाल को श्रद्धांजलि दी।