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छात्रों की फोटोग्राफी देख लोग बोले, शानदार

द लाइट प्रोजेक्ट की ओर से शनिवार को राजपुर रोड स्थित डब्ल्यूआइसी में फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 10:08 PM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 06:39 AM (IST)
छात्रों की फोटोग्राफी देख लोग बोले, शानदार

जागरण संवाददाता, देहरादून : द लाइट प्रोजेक्ट की ओर से शनिवार को राजपुर रोड स्थित डब्ल्यूआइसी में फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में जीजीआइसी सोरा सरौली स्कूल के 35 छात्रों की ओर से खींची गई फोटो को प्रदर्शित किया गया। जिनमें 13 छात्रों की फोटो को बेचने के लिए लगाया गया। बारहवीं कक्षा के इन सभी छात्र-छात्राओं को दून फोटोवॉक की ओर से एक माह का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं को कैमरे और फोटोग्राफी के बारे में बेसिक जानकारी दी गई। दून फोटोवॉक के सदस्य उधव ने बताया कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से जो भी कमाई की जाएगी। उससे कैमरा खरीदकर स्कूल में दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी लगाने का उनका मुख्य उद्देश्य गांव के बच्चों को फ ोटोग्राफी सिखाना है। जो सुविधाओं के अभाव के कारण फोटोग्राफी नहीं सीख पाते। उन्होंने बताया कि कुमाऊं और गढ़वाल में भी बच्चों को फोटोग्राफी के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस मौके पर दून यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. चंद्र शेखर नौटियाल ने डाक्यूमेंट्री लांच की। प्रदर्शनी में रौनो रॉय मित्रा, यशस्वी जुयाल, उमांशू वैभव, उधव कंडवाल, पार्थ जोशी, शुभम सिंह, दिपेश मंडल सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे। एक माह की ट्रेनिंग ने बदले फोटोग्राफी के मायने

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प्रदर्शनी में उपस्थित छात्रों ने बताया कि एक माह की ट्रेनिंग ने उनके लिए फोटोग्राफ के मायने बदल दिए। जिसके माध्यम से उन्हें पता चला कि कैसे फोटोग्राफी के पीछे भावनाएं छिपी होती हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पहले मालूम नहीं था कि फोटोग्राफी में भी कॅरियर बनाया जा सकता है। लेकिन अब उनकी भी फोटो ग्राफर बनने की इच्छा है। कोट्स -

1.

पहले कैमरा पकड़ना तक नहीं आता था, लेकिन अब प्रोग्राम में जाकर दूसरों को कहते हैं कि आप कैमरा दीजिए हम फोटो खींचते हैं।

आकांक्षा मनवाल, छात्रा।

2.

फोटोग्राफी सीखने की इच्छा तो थी, लेकिन सुविधाओं के अभाव के कारण गांव में फोटोग्राफी नहीं सीख पाए।

अभय सिंघवाल, छात्र।

3.

मुझे फीचर फोटोग्राफी अच्छी लगती है। लेकिन उसके लिए कब कितना जूम, फोकस और लाइट कंट्रोल करनी पड़ती है। इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन प्रशिक्षण के बाद इसकी समझ हो गई है।

पूजा पंवार, छात्रा।

4.

परिवार फोटोग्राफी के खिलाफ था क्योंकि उन्हें नॉलेज नहीं थी, लेकिन प्रशिक्षण के बाद पापा काफी खुश हैं।

नेहा राणा, छात्रा।


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