सरकार योजनाओं से वंचित हैं सेलाकुई के लोग
विकासनगर कभी ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त सेंट्रल होपटाउन के सेलाकुई क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: कभी ग्राम पंचायत का दर्जा प्राप्त सेंट्रल होपटाउन के सेलाकुई क्षेत्र में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का अब क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। वर्ष 2015 से न्यायालय में लंबित ग्राम पंचायत व नगर पंचायत के स्टेट्स की लड़ाई में सरकारी योजनाओं के लाभ से यह क्षेत्र पूरी तरह वंचित है। यहां के निवासियों को किसी भी योजना का लाभ नहीं पा रहा है। वर्तमान में यह क्षेत्र अधर में लटका हुआ है। इसे न तो ग्राम पंचायत का दर्जा है न ही नगर पंचायत अस्तित्व में आ सका। सारे विकास कार्य ठप पड़े होने से क्षेत्र में बदतर हाल है। क्षत्रवासियों ने निवासियों ने सरकार से स्टेट्स को लेकर चल रहे विवाद को जल्द खत्म कराने की मांग की।
औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई व इसके आसपास फैले क्षेत्र की आबादी 40 हजार से अधिक पहुंच चुकी है। बताते चलें कि सेंट्रल होपटाउन ग्राम पंचायत में सेलाकुई, बहादुरपुर, जमनपुर व हरिपुर चार मजरे शामिल हैं। वर्ष 2015 में सरकार ने ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दे दिया। कुछ समय के लिए नगर पंचायत की व्यवस्था में कार्य हुआ, लेकिन इसके बाद स्टेट्स को लेकर उपजा विवाद न्यायालय में चला गया। दरअसल ग्राम पंचायत में उत्तराखंड बनने के बाद स्थापित किए गए औद्योगिक क्षेत्र से यहां की जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई। फिल्हाल सेंट्रल होपटाउन का क्षेत्रफल काफी व्यापक हो चुका है। पिछले दिनों तैयार कराई गई क्षेत्र की मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या 15 हजार को पार कर गई है, लेकिन ग्राम पंचायत व नगर पंचायत के के बीच फंसे विवाद के लंबित होने से क्षेत्र में समाज कल्याण के माध्यम से संचालित की जाने वाली वृद्धावस्था, विधवा, विकलांग पेंशन समेत सभी प्रकार की योजनाएं, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन ही नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र ग्राम पंचायत रहेगा या नगर पंचायत बनेगा, इस बात की कशमकश 2015 से ही जारी है। लेकिन किसी भी संस्था के यहां काम नहीं करने से सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। सेंट्रल होप टाउन के पूर्व ग्राम प्रधान भगत सिंह राठौर, विजयपाल बर्तवाल, सुरेंद्र गुंसाई, शराफत अली, नरगिस कुमार, विनोद पाल, अरुण प्रकाश भट्ट, सईद अहमद, महरुना परवीन आदि ने सरकार से क्षेत्रवासियों की समस्याओं को देखते हुए क्षेत्र के स्टेट्स को स्पष्ट करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है, ताकि औद्योगिक नगरी की सड़क, सफाई, पेयजल आदि समस्याएं हल हो सकें।