केदारनाथ में तैनात एसडीएम ने पहले दिया इस्तीफा, अब फिर से जताई ड्यूटी ज्वाइन करने की इच्छा
केदारनाथ में ड्यूटी पर तैनात एसडीएम गौरव चटवाल के इस्तीफा देने के मामले में एक नया मोड़ आया है। अब एसडीएम गौरव चटवाल ने फिर से ड्यूटी ज्वाइन करने की इच्छा जताई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केदारनाथ में ड्यूटी पर तैनात एसडीएम गौरव चटवाल के इस्तीफा देने के मामले में एक नया मोड़ आया है। अब एसडीएम गौरव चटवाल ने फिर से ड्यूटी ज्वाइन करने की इच्छा जताई है। वहीं, आयुक्त गढ़वाल बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने केदारनाथ धाम में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां एसडीएम मनीष वर्मा की तैनाती की है। उन्हें दस दिनों तक के लिए तैनात किया गया है।
हाल ही में एसडीएम केदारनाथ गौरव चटवाल के इस्तीफा देने का प्रकरण सामने आया था। उनकी तैनाती 17 मई को केदारनाथ में की गई थी। दस दिन की सेवाएं देने के बाद अचानक उन्होंने ड्यूटी करने में असमर्थता जताते हुए त्यागपत्र दे दिया। जिला प्रशासन रूदप्रयाग को उनका इस्तीफा डाक से मिला था। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने इसकी पुष्टि भी की थी। अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। बताया जा रहा है कि गौरव चटवाल स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण अवकाश पर थे, इस कारण वह ड्यूटी पर नहीं आ पाए और उनको मोबाइल भी बंद था। अब उन्होंने अपना मेडिकल जिला प्रशासन को भेज दिया है और वह अब फिर से ड्यूटी ज्वाइन कर रहे हैं।
आयुक्त गढ़वाल बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण एसडीएम अवकाश पर चल रहे थे। अब उन्होंने अपना मेडिकल दे दिया है और वह फिर से केदारनाथ में अपनी ज्वाइनिंग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में यात्रियों की संख्या को देखते हुए पौड़ी जनपद से एसडीएम मनीष वर्मा को केदारनाथ में तैनात किया जा रहा है।
केदारनाथ जाने से कन्नी काटते हैं अधिकारी
केदारनाथ की परिस्थितियों और वहां के मौसम को देखते हुए अधिकारी यहां आने से कन्नी काटते हैं। जब भी किसी एसडीएम का ट्रांसफर रुद्रप्रयाग होता है तो उसकी पहली प्राथमिकता तबादला रुकवाने की रहती है। ऐसा होता भी आया है। गौरव चटवाल से पहले रुद्रप्रयाग में एक अन्य अधिकारी का तबादला हुआ था लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने अपना तबादला रुकवा दिया था।
हो सकती है कार्रवाई
सूत्रों की मानें तो जिस तरह से एसडीएम गौरव चटवाल ने बिना बताए अपना तैनाती स्थल छोड़ा, उससे अधिकारी नाराज हैं। इसे गंभीर अनुशासनहीनता के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है।
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