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कर्मचारी सड़कों पर, दफ्तरों में सन्नाटा

दोन्नति में आरक्षण को लेकर जनरल-ओबीसी कर्मचारियों के सड़क पर उतरने का असर सचिवालय से लेकर तमाम सरकारी विभागों में दिखा। सचिवालय में जहां कई अनुभागों में सन्नाटा पसरा रहा तो कलक्ट्रेट विकास भवन तहसील और आरटीओ में भी कामकाज प्रभावित रहा। इस दौरान विभिन्न कामों से आए फरियादियों को बैरंग लौटना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:12 AM (IST)
कर्मचारी सड़कों पर, दफ्तरों में सन्नाटा
कर्मचारी सड़कों पर, दफ्तरों में सन्नाटा

जागरण संवाददाता, देहरादून:

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पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जनरल-ओबीसी कर्मचारियों के सड़क पर उतरने का असर सचिवालय से लेकर तमाम सरकारी विभागों में दिखा। सचिवालय में जहां कई अनुभागों में सन्नाटा पसरा रहा, तो कलक्ट्रेट, विकास भवन, तहसील और आरटीओ में भी कामकाज प्रभावित रहा। इस दौरान विभिन्न कामों से आए फरियादियों को बैरंग लौटना पड़ा।

सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार के रुख में अचानक आई तब्दीली को लेकर जनरल-ओबीसी कर्मचारी अब आरपार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। इसकी झलक शुक्रवार को कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर दिखा भी दिया। एक दिन के सामूहिक कार्य बहिष्कार के दौरान कर्मचारी सुबह सीधे दफ्तर पहुंचने के बजाए परेड ग्राउंड पहुंचने लगे। इसके चलते तमाम सरकारी विभागों में कामकाज प्रभावित रहा। सचिवालय के कई अनुभागों में पूरे दिन कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। कलक्ट्रेट, तहसील, विकास भवन, आरटीओ, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग के कार्यालयों समेत तमाम दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि विभागों में एससी-एसटी वर्ग समेत कई कर्मचारी अपनी सीटों पर बैठे दिखे, मगर अधिकांश महत्वपूर्ण पटलों पर कर्मचारियों के न होने से विभिन्न कामों से आए लोगों को निराश लौटना पड़ा।

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हठ नहीं छोड़ी तो तय है हड़ताल

उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी व महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाई ने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसला का सम्मान करते हुए पदोन्नति प्रक्रिया बहाल नहीं की तो बीस की महारैली ऐतिहासिक होगी। इस रैली में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी जाएगी। काफी हद तक संभव है कि रैली के अगले दिन 21 फरवरी से हड़ताल का आह्वान कर दिया जाए।

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वाहन चालक संघ ने दी चक्का जाम की चेतावनी

सामूहिक कार्य बहिष्कार पर मुख्य सचिव की नाराजगी से आशंका बढ़ गई है कि आंदोलन में शामिल होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इस पर राजकीय वाहन चालक संघ ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंप कर कहा कि यदि कर्मचारियों पर दमनात्मक कार्रवाई की गई तो राजकीय वाहन चालक संघ प्रदेश में चक्का जाम कर देगा। संघ के महामंत्री संदीप मौर्य ने कहा कि जनरल-ओबीसी कर्मचारियों को उनका हक देने में एक-एक दिन की देरी बर्दाश्त से बाहर होगी।

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समानता मंच ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र

अखिल भारतीय समानता मंच ने आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भेजा है। पत्र में अध्यक्ष श्याम लाल शर्मा और महासचिव जगदीश प्रसाद कुकरेती ने कहा कि आरक्षित श्रेणी से उन सभी लोगों को बाहर किया जाए जो आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक रूप से संपन्न हैं। जिस तरह से दल एससी-एसटी वर्ग को लेकर सीमा से अधिक पक्षपात करने लगी है। बिहार में पार्टी इसका नुकसान झेल चुकी है। अब उत्तराखंड में भी सरकार के रवैये से ऐसा माहौल बन रहा है। कम से कम सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर स्थिति बिल्कुल स्पष्ट कर दी है। ऐसे में न्यायालय का सम्मान करते हुए जनरल-ओबीसी कर्मचारियों को उनका हक देने में विलंब नहीं होना चाहिए।


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