शोध में सामने आई चौंकाने वाली बात, बारिश का वेग नहीं झेल पा रहे उत्तराखंड के पहाड़; इन दो शहरों को ज्‍यादा खतरा

वाडिया संस्थान के विज्ञानियों ने वर्ष 1880 से 2020 के बीच हुई भूस्खलन की घटनाओं का अध्ययन कर भारी वर्षा से इसका सीधा संबंध बताया है। बता दें कि भूकंप के लिहाज से राज्य अतिसंवेदनशील जोन चार व पांच में है।