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Sawan Last Somvar 2022: शिवालयों में जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की भीड़, शिव की ससुराल में दिखी अपार भक्ति

Sawan Last Somvar 2022 आज सोमवार को सावन मास (Sawan 2022) का आखिरी सोमवार है। कहीं रात 12 तो तो कहीं तड़के चार बजे से भक्‍तों की अपार भक्ति के दर्शन हो रहे हैं। वहीं आज मौसम (Uttarakhand Weather) ने भी साथ दिया है।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 08:00 AM (IST)
Sawan Last Somvar 2022: शिवालयों में जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की भीड़, शिव की ससुराल में दिखी अपार भक्ति
Sawan Last Somvar 2022: जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की भीड़। जागरण

टीम जागरण, हरिद्वार : Sawan Last Somvar 2022: आज सोमवार को सावन मास (Sawan 2022) का आखिरी सोमवार है। जिस कारण देवभूमि उत्‍तराखंड के शिवालयों (Uttarakhand Shiva Temple) में तड़के से भक्‍तों की भीड़ उमड़ी हुई है। सोमवार को केदारनाथ मंदिर में भी दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगी रही। देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही।

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कहीं रात 12 तो तो कहीं तड़के चार बजे से भक्‍तों की अपार भक्ति के दर्शन हो रहे हैं। हरिद्वार के मंदिरों में भी श्रावण मास के आखिरी सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है।

भगवान शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर (Daksheshwar Mahadev Temple) में श्रद्धालु कतार में लग कर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। हरिद्वार में सावन के आखिरी सोमवार (Sawan Last Somvar) के अवसर पर मेले का आयोजन भी किया गया है। जहां सुबह ही लोग पहुंच रहे हैं।

वहीं आज मौसम (Uttarakhand Weather) ने भी साथ दिया है। सुबह से उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून सहित राज्‍य के अधिकतर इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विभाग ने आज कहीं-कहीं हल्‍की बारिश की संभावना जताई है। बहरहाल आज आखिरी सोमवार (Sawan Last Somvar) पर उत्‍तराखंड शिवमय हो चला है।

वहीं हरिद्वार के जगजीतपुर पीठ बाजार स्थित प्राचीन श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर (Shri Siddheshwar Mahadev Mandir) में आयोजित श्रीमद् भगवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के आरंभ पर महिला श्रद्धालुओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली।

इस मौके पर कथा व्यास भगवताचार्य नरेशचंद्र शास्त्री ने कहा कि श्रीमद् भगवत कथा भवसागर की वैतरणी है। जो व्यक्ति के मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है।

कथा श्रवण से राजा परीक्षित को प्राप्त हुआ था मोक्ष

कहा कि यह कथा देवताओं को भी दुर्लभ है। जिसके श्रवण से राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और वर्तमान में भी इसके साक्षात प्रमाण देखने को मिलते हैं। इसलिए समय निकालकर सभी को कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए।

इससे पूर्व कथा के मुख्य यजमान कुलदीप वालिया ने व्यासपीठ का पूजन किया। इस अवसर पर यज्ञाचार्य पंडित पंकज जोशी, पार्षद विकास कुमार, अनिल मिश्रा, नितीश चौधरी, रजनी वालिया, रेखा, रितिका समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।


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