देश की संस्कृति है ऋषि और कृषि: स्वामी चिदानंद सरस्वती
प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित संपूर्ण ग्राम विकास महोत्सव में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि आज के युग में स्मार्ट सिटी के साथ स्मार्ट सिटीजन बनाने की जरूरत है।
ऋषिकेश (देहरादून)। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित संपूर्ण ग्राम विकास महोत्सव में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि आज के युग में स्मार्ट सिटी के साथ स्मार्ट सिटीजन बनाने की जरूरत है। ऋषि और कृषि भारतीय संस्कृति की पहचान है।
पुराना रोडवेज अड्डा परिसर में विश्वविद्यालय के ग्राम विकास प्रभाग की ओर से ग्राम विकास महोत्सव आयोजित किया गया। इसमें परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि भारत मशीन से नहीं मानवीय विचारों से विश्वगुरु बन सकता है।
हमारे गांवों में गांधी, खादी और संस्कार बसते हैं। आज शहरी संस्कृति के कारण समाज में दूराव बढ़ रहा है। मानव को मशीन नहीं इंसान बनने की जरूरत है। रिटायर्ड आइएएस व विचारक डॉ. कमल टावरी ने कहा कि गांव को अपने समग्र विकास की जरूरत है।
जलवायु परिवर्तन आज की सबसे बड़ी चुनौती है। हमें अनुकूल वातावरण बनाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। दिल्ली से आई ब्रह्मकुमारी सपना बहन ने कहा कि मनुष्य के अंदर की सुख-शांति गुम होती जा रही है। राजयोग विधि से अपने भीतर का दीप प्रज्ज्वलित हो सकता है।
संस्था के माउंट आबू प्रमुख राजू भाई ने कहा कि निव्र्यसन जीवन की प्रेरणा, ग्रामीण जन साक्षरता व जैविक खाद को प्रोत्साहन जैसे ईश्वरीय संदेश देकर हम प्रत्येक गांव में पहुंचेंगे। ब्रह्मकुमारी लक्ष्मी बहन ने कहा कि हमारी संस्था का दिल गांव में बसता है।
शाश्वत योगिक खेती योजना यहीं से उपजी है। कार्यक्रम में निर्मल आश्रम के संत जोध सिंह महाराज, स्वामी स्वतंत्रतानंद सरस्वती, स्वामी स्वतंत्र मुनि, गीता नगर स्थित सेवा केंद्र प्रमुख आरती बहन, पंजाब जोन के निदेशक अमीद चंद राजयोगी, सरला बहन, यशपाल अग्रवाल, मदनमोहन शर्मा, संदीप गुप्ता, ज्योति सजवाण, गंगाराम आडवाणी, जयेंद्र रमोला, इंद्र कुमार गोदवानी, डॉ. राजे सिंह नेगी, चेतन शर्मा, श्रवण जैन, स्नेहलता शर्मा, सरोज डिमरी, बीके सुशील आदि उपस्थित थे।
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