स्वच्छता काम नहीं मानव जीवन का संस्कार है
पेयजल व स्वच्छता मंत्री साध्वी उमा भारती और पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय क
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: पेयजल व स्वच्छता मंत्री साध्वी उमा भारती और पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने परमार्थ निकेतन पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से भेंट की। इस दौरान स्वच्छता, पर्यावरण व विभिन्न सामाजिक विषयों पर चर्चा की गई।
रविवार को परमार्थ निकेतन पहुंची केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती व परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने ठोस और तरल अपशिष्ट पदार्थों के प्रबंधन, स्वच्छता के स्तरों में वृद्धि, भारत को खुले में शौच से मुक्त करने, गंगा सहित अन्य नदियों में गिरते नालों के प्रबंधन, ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार लाने आदि विषयों पर चर्चा की। स्वामी चिदानंद ने आगामी प्रयाग कुंभ में ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा), गंगा एक्शन परिवार व परमार्थ निकेतन की ओर से स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत जिस तेजी से तरक्की कर रहा है, उसी तेजी से भारतीयों को भी स्वच्छता को अंगीकार करना होगा। स्वच्छता केवल एक काम नहीं बल्कि हमारा संस्कार है और सभ्यता है। वर्तमान समय में समाज में व्याप्त 40 प्रतिशत बीमारियां स्वच्छता के अभाव के कारण होती हैं। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने परमार्थ निकेतन व गंगा एक्शन परिवार के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति देश में एक नई क्रांति आई है। प्रत्येक व्यक्ति निजी तौर पर स्वच्छता के प्रति संवेदनशील हो रहा है। मगर, अभी भी इस क्रांति को और गति देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ जल व स्वच्छ पर्यावरण प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। मगर, हमें यह भी ध्यान देना होगा कि हम अपने वर्तमान के लिए भविष्य को खतरे में न डालें।