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रूलक के संस्थापक पद्मश्री अवधेश कौशल बोले, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आल वेदर रोड जरूरी

आल वेदर रोड को रूलक (रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटलमेंट केंद्र) के संस्थापक पद्मश्री अवधेश कौशल ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद ही जरूरी बताया है। उन्होंने परियोजना का विरोध करने वाले व्यक्तियों को तथाकथित पर्यावरणविद बताया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 01:56 PM (IST)
रूलक के संस्थापक पद्मश्री अवधेश कौशल बोले, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आल वेदर रोड जरूरी
रूलक के संस्थापक पद्मश्री अवधेश कौशल बोले, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आल वेदर रोड जरूरी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। चारधाम राजमार्ग परियोजना (आल वेदर रोड) को रूलक (रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटलमेंट केंद्र) के संस्थापक पद्मश्री अवधेश कौशल ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से जरूरी बताया है। उन्होंने परियोजना का विरोध करने वाले व्यक्तियों को तथाकथित पर्यावरणविद बताते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति विरोध में उतर रहे हैं, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कुछ नहीं किया।

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मंगलवार को जारी प्रेस बयान में पद्मश्री अवधेश कौशल ने कहा कि चीन और नेपाल जैसे पड़ोसी देश भारत की सीमा पर धातु की सड़कें बना रहे हैं। बिजली उत्पादन के लिए बड़े बांध बना रहे हैं। दूसरी तरफ, देश के कुछ तथाकथित पर्यावरणविद अपने देश के विकास की राह में बाधा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम राजमार्ग परियोजना का सामरिक महत्व भी है। इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सेना के भारी वाहनों और साजो-सामान को सीमा तक पहुंचाने के लिए चौड़ी सड़कें चाहिएं। पर्यटन व तीर्थाटन के लिहाज से भी चौड़ी सड़कें जरूरी हैं। देखने में आता है कि सड़कों की चौड़ाई कम होने और यातायात दबाव बढ़ जाने से कई दफा वाहन खाई में गिर जाते हैं।

पद्मश्री अवधेश कौशल ने कहा कि पड़ोसी देशों की तरह भारत में भी बड़े बांधों की जरूरत है। इस समय उत्तर भारत बिजली की किल्लत से जूझ रहा है। उत्तराखंड में पनबिजली परियोजनाओं की 40 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। इसके बाद भी राज्य हर साल खुले बाजार से 1500 करोड़ रुपये की बिजली खरीदने को विवश है। सरकारों को देखना चाहिए कि किस तरह सही ढंग से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर बिजली उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। लिहाजा, सरकार को ध्यान भटकाने वाले व्यक्तियों/संगठनों को अनदेखा कर विकास के ठोस रोडमैप पर आगे बढ़ना चाहिए।

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