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पूर्व प्रचारकों ने संघ प्रमुख को भेजी पाती

उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की व्यवस्थाओं को लेकर पूर्व प्रचारकों व पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं का उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 03:01 AM (IST)
पूर्व प्रचारकों ने संघ प्रमुख को भेजी पाती
पूर्व प्रचारकों ने संघ प्रमुख को भेजी पाती

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की व्यवस्थाओं को लेकर पूर्व प्रचारकों व पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं का उबाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच उन्होंने संघ के प्रांतीय नेतृत्व से भी बातचीत की, मगर वे संतुष्ट नहीं हो पाए। अब उन्होंने संघ के सरसंघ चालक डॉ.मोहन राव भागवत को पत्र भेजकर अपनी व्यथा से अवगत कराते हुए उनसे मार्गदर्शन की अपेक्षा की है।

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हाल में एक महिला द्वारा भाजपा के तत्कालीन प्रांतीय महामंत्री संगठन पर लगाए गए आरोपों ने भाजपा के साथ ही संघ परिवार को भी असहज कर दिया। इसी कड़ी में संघ की व्यवस्थाओं को लेकर पूर्व प्रचारक व पूर्णकालिक कार्यकर्ता मुखर हैं। 11 नवंबर को उन्होंने बैठक कर संघ की व्यवस्था और संगठन के प्रमुख पदों पर बैठे लोगों के व्यवहार और वक्तव्यों को लेकर चिंता जताई थी। तब इस मामले को संघ के प्रांतीय व केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को संघ के इन पूर्व प्रचारकों व पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं ने प्रांतीय नेतृत्व से मुलाकात की। इसमें उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया। अब उनकी ओर से संघ के सरसंघ चालक को पत्र भेजा गया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि संगठन के वर्तमान दायित्ववान कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें अलग-थलग छोड़ दिया गया है। न कार्यक्रमों की सूचना दी जा रही और न कोई संपर्क ही रखा जा रहा।

पत्र में कहा गया है कि संघ में सदैव पुराने कार्यकर्ताओं का सम्मान और उनके अनुभवों का उपयोग संगठनहित में करने की भी परंपरा है। वरिष्ठों की चिंता करने की भी अपनी परंपरा है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था बिल्कुल विपरीत है। यहां तक कि कई पूर्व प्रचारकों की कई वर्षाें से गुरुदक्षिणा तक नहीं हुई है। यह स्थिति पीड़ादायक है।

यह भी कहा गया है कि संगठन में भय नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। जिसकी जो मर्जी आ रही, वह कर रहा है। इसका नुकसान वैचारिक प्रतिष्ठान को चुकाना पड़ रहा है। यहां तक कि प्रचारक शब्द पर भी प्रश्न खड़े होने लगे हैं। संचार माध्यमों में नित संघ की प्रतिष्ठा को आघात करने वाली खबरें आ रही हैं। यह पत्र 19 पूर्व प्रचारकों व पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की ओर से भेजा गया है। उधर, इस संबंध में संपर्क करने पर संघ के प्रांत प्रचारक युद्धवीर ने कहा कि संघ में कोई अव्यवस्था नहीं है। पूर्व प्रचारकों के साथ बैठक सामान्य क्रम का हिस्सा है।


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