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कम कमाई करने वाले रोडवेज के सभी परिचालकों का बदलेगा रूट

डीलक्स डिपो में तैनाती के बावजूद साधारण बसों से भी कम मासिक आय देने वाले परिचालकों का रूट बदलने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में डिपो एजीएम का भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 12:32 PM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 12:32 PM (IST)
कम कमाई करने वाले रोडवेज के सभी परिचालकों का बदलेगा रूट
कम कमाई करने वाले रोडवेज के सभी परिचालकों का बदलेगा रूट

देहरादून, जेएनएन। डीलक्स डिपो में तैनाती के बावजूद साधारण बसों से भी कम मासिक आय देने वाले परिचालकों का रूट बदलने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में डिपो एजीएम का भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। 

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रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से सभी डिपो की आय की समीक्षा में दून का बी यानी डीलक्स डिपो बेहद खराब रहा है। महाप्रंबधक ने एजीएम को भेजे गए पत्र में कड़ी नाराजगी जताई है कि मार्च में साठ फीसद से कम आय अर्जित करने वाले 92 परिचालकों का मार्ग बदलने के आदेश दिए गए थे। 

इसके बावजूद एजीएम ने मार्ग नहीं बदले। न ही कोई विभागीय कार्रवाई अमल में लाई गई। अब अप्रैल में भी परिचालकों का यही हाल रहा। इस माह में 65 फीसद आय के लक्ष्य के सापेक्ष 80 परिचालकों ने अपना टारगेट पूरा नहीं किया। इनमें खासी संख्या उन परिचालकों की है जो 50 फीसद आय भी नहीं कर सके। बसें खाली दौड़ाने के चलते रोडवेज को लाखों का घाटा हुआ है।

महाप्रबंधक ने इन सभी परिचालकों का तत्काल रूट बदलने के आदेश दिए। इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई कर मुख्यालय को अवगत कराने को भी कहा है। चेतावनी दी गई है कि अगर इस बार परिचालकों के प्रति नरम रवैया अपनाया गया तो एजीएम के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

300 बसें खरीदने को हरी झंडी

रोडवेज में पिछले छह माह से प्रस्तावित 300 नई बसों की खरीद को लेकर शासन ने परिवहन निगम मुख्यालय को हरी झंडी दे दी है। यह मामला पहले टेंडर में अटका रहा और बाद में आचार संहिता का अड़ंगा आ गया। चूंकि, चारधाम यात्रा शुरू हो गई है और आने वाले दो माह पूरी तरह पर्यटन के हैं। ऐसे में बसों की कमी से निगम को करोड़ों का नुकसान होना तय है। 

इसे लेकर कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के साथ मुलाकात की। परिवहन मंत्री ने बसों की खरीद को लेकर शासन में बात की तो शासन ने अपनी तरफ से अनुमति प्रदान कर दी। अब मामला निर्वाचन आयोग के पाले में है। निगम प्रबंधन ने आपात जनसेवा के तहत निर्वाचन आयोग से भी बसें खरीदने की मंजूरी मांगी है।

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