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उत्तराखंड: दून में आरटीओ के खिलाफ उतर आए हैं रोडवेज अधिकारी, सामने आया ये बड़ा विवाद

डग्गामार निजी बसों के संचालन को लेकर परिवहन विभाग और रोडवेज के अधिकारियों के बीच बड़ा विवाद सामने आया है। दोनों महकमों के बीच हुई संयुक्त बैठक के बाद रोडवेज अधिकारियों ने अपने मुख्यालय में पत्र भेज आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 11:26 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 11:26 AM (IST)
उत्तराखंड: दून में आरटीओ के खिलाफ उतर आए हैं रोडवेज अधिकारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में डग्गामार निजी बसों के संचालन को लेकर परिवहन विभाग और रोडवेज के अधिकारियों के बीच बड़ा विवाद सामने आया है। दोनों महकमों के बीच हुई संयुक्त बैठक के बाद रोडवेज अधिकारियों ने अपने मुख्यालय में पत्र भेज आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप हैं कि शर्मा ने डग्गामार बसों के संचालन को खुली छूट देने की पैरवी की। आरोप है कि आरटीओ ने रोडवेज को अपनी बसें रात दस बजे तक ही संचालित करने की हिदायत दी और यह भी कहा कि उसके बाद केवल निजी बसों का संचालन होगा।

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रोडवेज मुख्यालय व मंडल प्रबंधक को भेजे गए पत्र में सहायक महाप्रबंधक जेके पाठक व केपी सिंह ने बताया कि यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षा के साथ यात्रा कराने के साथ ही उनकी सुविधा का ध्यान रखने को लेकर रोडवेज व परिवहन विभाग की संयुक्त बैठक दो दिसंबर को आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा के कार्यालय में बुलाई गई थी। आरोप है कि इस दौरान आरटीओ प्रवर्तन ने डग्गामार बसों का मामला उठाते हुए कहा कि न्यायालय के नियमों के तहत अब निजी बस भी जगह-जगह से सवारी बैठा सकती है।

आरोप है कि उन्होंने कहा कि रोडवेज अपनी बसों का संचालन सिर्फ रात दस बजे तक करे और उसके बाद का समय निजी बसों के लिए छोड़ दे। आरोप है कि आरटीओ शर्मा ने कहा कि रोडवेज खुद भी खाए-कमाए और निजी संचालकों को भी खाने-कमाने दे। आरोप है कि इस दौरान आरटीओ ने निजी बसों पर कार्रवाई के लिए साफ इन्कार कर दिया और कहा कि आगे से उन्हें फोन कर परेशान न करें। अगर कार्रवाई करनी होगी तो परिवहन की टीम खुद रोडवेज अधिकारियों को बुलाएगी ताकि रोडवेज अधिकारी भी कोर्ट में गवाह बनें। आरटीओ ने कहा कि वह रोडवेज के बस अड्डों के एक किमी के दायरे में कोई भी डग्गामार वाहन का संचालन करने नहीं देंगे।

आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा ने बताया कि रोडवेज के अधिकारी-कर्मचारी काम नहीं सिर्फ राजनीति करते हैं। मुझे बदनाम करने के लिए मनगढंत आरोप लगा रहे हैं, लेकिन मैं ऐसे आरोपों से नहीं डरता। मुझे सरकार ने काम करने के लिए नियुक्त किया है और अनाधिकृत संचालन नहीं होने दूंगा। अनाधिकृत बसों का संचालन रोडवेज की मिलीभगत से हो रहा। मैनें कार्रवाई करने की बात कही तो इस तरह के आरोप लगा पत्र भेजे जा रहे। रोडवेज अधिकारी अगर अपने काम पर ध्यान दें तो रोडवेज की यह स्थिति नहीं होगी। मुझसे पहले आरटीओ प्रवर्तन रहे संदीप सैनी से भी आरटीओ के अधिकारी परेशान थे और अब मैने कार्रवाई की बात कही तो मेरे खिलाफ बयानबाजी कर रहे।

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