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गर्मियों में शीतल पेय तो पीयें, लेकिन सावधानी जरूर बरतें

बाजार में जहां-तहां गन्ने व बेल का रस नींबू-पानी सोडा व सिकंजी जैसे देशी पेय भी ब्रांडेड पेय को टक्कर देते नजर आते हैं। गर्मियों में शीतल पेय तो पीयें मगर सावधानी जरूर बरतें।

By Edited By: Published: Sat, 11 May 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 08:58 AM (IST)
गर्मियों में शीतल पेय तो पीयें, लेकिन सावधानी जरूर बरतें
गर्मियों में शीतल पेय तो पीयें, लेकिन सावधानी जरूर बरतें

ऋषिकेश, जेएनएन। गर्मी का मौसम आ गया है और तेज धूप सताने लगी है। प्यास बुझाने और हलक को तर रखने के लिए शीतल पेय ही बड़ा सहारा है। यही वजह है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही शीतल पेय की मांग भी बढ़ जाती है। बाजार में उपलब्ध मल्टीनेशनल कंपनियों के शीतल पेय के अलवा सड़क किनारे जहां-तहां गन्ने व बेल का रस, नींबू-पानी, सोडा व सिकंजी जैसे देशी पेय भी ब्रांडेड पेय को टक्कर देते नजर आते हैं। यह देशी पेय स्वास्थ्य के लिए भले ही लाभदायक हों पर, शुद्धता के अभाव में यह स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकते हैं। लिहाजा गर्मियों में शीतल पेय तो पीयें मगर, सावधानी जरूर बरतें।

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गर्मी में पारा चढ़ने के साथ ही शीतल पेय का कारोबार भी बढ़ने लगता है। प्रतिस्पर्धा के दौर में शीतल पेय पदार्थों में कई तरह के हानिकारक पदार्थ मिलाए जा रहे हैं। बाजार में बनने और बिकने वाले शील पेय में इन पदार्थो की मात्रा कितनी है, यह शायद बनाने वाले को भी पता नहीं। ऐसे में सवाधान होकर ही हलक तर करने के लिए शीतल पेय का उपयोग करना उचित है। शहर में ठंडे के नाम पर जो कुछ परोसा जा रहा है उसमें शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। पानी में हानिकारक कालर, सेंट और नींबू का सत मिलाकर उसे कोल्डड्रिंक का स्वरूप दिया जा रहा है।

सड़क किनारे ठेलियों पर बिकने वाले शीतल पेय गन्ने व बेल का रस, नींबू पानी, सिंकजी आदि भले ही अपने गुणों के कारण गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद हों। लेकिन इन्हें तैयार करने और रखरखाव के तरीके से यह सेहत के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकते हैं। यही नहीं कई बार तो ब्रांडेड कंपनियों के पेय और इनकी तर्ज पर बाजार में उपलब्ध बोतलबंद अन्य पेय में भी तमाम शिकायतें सामने आती हैं। लोगों की सेहत के साथ खुलेआम हो रहे खिलवाड़ की ओर से प्रशासनिक अमला उदासीनता बरत रहा है। त्योहारों के दौरान कार्रवाई की औपचारिकता निभाने वाले जिम्मेदार अफसर गर्मी में आंख मूंद कर बैठ जाते हैं। इसी का फायदा नकली शीतल पेय बेचने वाले उठा रहे हैं।

हाल में ही तीर्थनगरी में खुली फ्रेस जूस की एक दुकान में फ्रेस जूस के नाम पर एसेंस परोसे जाने का मामला प्रकाश में आया था। नगर क्षेत्र में पिछले कुछ माह में इस तरह की आधा दर्जन से अधिक दुकानें खुली हैं। तिलक मार्ग स्थित एक दुकान में जब ग्राहक ने अनार के जूस के नाम पर दुकानदार को रंगेहाथ एसेंस मिलाते देखा तो यहां हंगामा खड़ा हो गया था। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद शहर भर में खुली यह दुकानें बंद हो गयी थी। तब खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी मौके पर पहुंच कर सैंपलिंग की थी। मगर, सैंपलिंग की रिपोर्ट का क्या हुआ कुछ पता नहीं।

यह बरतें सावधानी 

  • गर्मी में शीतल पेय पदार्थो का सेवन सोच समझ कर करें
  • कोल्ड ड्रिंक खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट देखना न भूलें 
  • स्वाद में मीठापन कम होने पर बोतल की जांच कराएं 
  • बोतल से अधिक मात्रा में गैस निकलने पर उसका उपयोग न करें। 
  • जहां तक हो सके कृत्रिम शीतल पेय से बचें 
  • ठेलियों पर बिकने वाले शीतल पेय का उपयोग करें तो साफ-सफाई का ध्यान जरूर रखें। 
  • गंदगी वाले स्थान, नालियों आदि के किनारे लगने वाली ठेलियों पर शीतल पेय न लें। 
  • तरबूज, ककड़ी, खीरा व नीबूं आदि की जांच करने के बाद ही इनका सेवन करें

यह हो सकती हैं बीमारियां 

  • शीतल पेय खराब है तो सेहत पर गलत असर पड़ सकता है। 
  • गुणवत्ताहीन शीतल पेय का सेवन करने से सर्दी, जुकाम, टाइफाइड, डायरिया हो सकता है। 
  • इसके अलावा गले व पेट में भी बीमारियां हो सकती हैं।  

बोले अधिकारी

गणेश कंडवाल (जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, देहरादून) का कहना है कि चारधाम यात्रा को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग ने क्षेत्र में विशेष रूप से दुकानदारों व होटल व्यवसायियों को सचेत किया है। सड़क किनारे लगने वाले ठेले व इनके खाद्य व पेय पदार्थों की भी समय-समय पर जांच की जाती है। यदि किसी भी व्यक्ति को खाद्य व पेय पदार्थ से संबंधित कोई शिकायत है तो वह कभी भी हमें सूचना दे सकता है। 

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