22 हजार करोड़ पहुंची ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट की लागत
नैनीताल से सांसद अजय भट्ट ने बुधवार को लोकसभा में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का मसला उठाया।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: नैनीताल से सांसद अजय भट्ट ने बुधवार को लोकसभा में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि 16216 करोड़ की इस परियोजना की लागत वर्तमान में 22042 करोड़ पहुंच गई है। इसके कार्याें के लिए जो धनराशि मुहैया कराई गई थी, वह अब खत्म होने को है। उन्होंने जानना चाहा कि अन्य कार्याें के लिए धनराशि कब तक मुहैया कराई जाएगी। जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि परियोजना में अब तक दो हजार करोड़ के कार्य हो चुके हैं। जरूरत के हिसाब से परियोजना के लिए निरंतर धन मुहैया कराया जाएगा।
रेल मंत्री की ओर से भट्ट को इस प्रश्न का लिखित जवाब भी दिया गया। इसमें यह भी बताया गया कि परियोजना में अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण, भूमि अधिग्रहण, वन विभाग से स्वीकृति, भू-तकनीकी जांच और समूची परियोजना के लिए पहुंच मार्ग संबंधी कार्य पूरे हो गए हैं। वीरभद्र-ऋषिकेश के बीच पहले ब्लाक खंड में निर्माण चल रहा है। ऋषिकेश में एक आरयूबी और एक आरओबी का काम पूरा हो गया है। चंद्रभागा नदी में ऊपरी रेल पुल का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा लछमौली मे रेल पुल, श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर पुल के अलावा अलकनंदा नदी पर श्रीनगर, गौंछार व कालेश्वर में तीन सड़क पुलों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
रेल मंत्री ने बताया है कि परियोजना में 16 सुरंगों का निर्माण होना है, जिन्हें 10 पैकेज में बांटा गया है। सभी पैकेज में डिजाइन कार्य प्रारंभ हो गए हैं। छह सुरंगों में आने-जाने को मार्गों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। जवाब में उन्होंने यह भी बताया है कि विभिन्न कारणों को देखते हुए परियोजना को पूरा करने के लिए फिलहाल निश्चित समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती।
रामनगर-गैरसैंण व टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइनों का सर्वे शुरू
सांसद भट्ट के प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने बताया कि 212 किमी लंबी रामनगर-चौखुटिया-गैरसैंण रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण 2015-16 में स्वीकृत हुआ। फील्ड सर्वे पूरा हो गया है। सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है। 155 किमी लंबी टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि 2010-11 की सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह परियोजना वित्तीय दृष्टि से अलाभप्रद पाई गई थी। इसके लिए 2018-19 में फिर सर्वे स्वीकृत किया गया, जो शुरू हो गया है।