डीके कोटिया को सौंपी सिद्धू की जांच
राज्य ब्यूरो देहरादून प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच सेवाि
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया करेंगे। शासन ने उन्हें जांच अधिकारी नामित करने संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। उनसे शीघ्र जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपने की अपेक्षा की गई है।
पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर मार्च 2013 को वीरगिरवाली, राजपुर के आरक्षित वन क्षेत्र में भूमि को अवैध तरीके से खरीदने और पेड़ों के अवैध कटान के आरोप हैं। साथ में ये आरोप भी हैं कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए वन अधिनियम के तहत सरकारी काम करने वाले अधिकारियों के कार्य में बाधा डाली। ये आरोप डीजीपी रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान ही लगे थे। उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले उन्हें 29 अप्रैल 2016 को चार्जशीट थमाई गई थी। हालांकि सिद्धू ने अपने जवाब में चार्जशीट में लगाए गए तमाम आरोपों को नकार दिया था। इसके बाद शासन ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह को जांच अधिकारी नामित किया था, तब पूर्व डीजीपी सिद्धू ने कैट की शरण ली। इसी वर्ष मार्च में कैट ने पूर्व डीजीपी की याचिका को खारिज करते हुए उनके खिलाफ जांच की संस्तुति कर दी थी। इसके बाद शासन ने अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह से इस जांच को पूरा करने का अनुरोध किया लेकिन डॉ. रणवीर सिंह ने रिटायरमेंट का हवाला देते हुए जांच से इंकार कर दिया था। इसके बाद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से जांच अधिकारी बनने की सहमति मांगी गई लेकिन उन्होंने कार्य की अधिकता का हवाला देते हुए जांच करने में असमर्थता जताई। इसके बाद शासन ने सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया को जांच अधिकारी नामित करने के लिए उनसे सहमति मांगी। सहमति मिलने के बाद गुरुवार को शासन ने उन्हें जांच अधिकारी नामित करने का आदेश जारी कर दिया गया।