ब्लड बैंक के लिए तय की गई अधिकारियों की जवाबदेही Dehradun News
स्वास्थ्य महानिदेशालय परिसर में रक्त संचरण परिषद की समीक्षा बैठक हुई जिसमें ब्लड बैंक के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई।
देहरादून, जेएनएन। राज्य रक्त संचरण परिषद के निदेशक डॉ. अजरुन सिंह सेंगर ने समस्त ब्लड बैंक प्रभारियों को निर्देशित किया है कि आमजन की जानकारी और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए ई-रक्तकोष पोर्टल पर रक्त भंडारण और ब्लड ग्रुप के अनुसार रक्त की उपलब्धता की जानकारी नियमित रूप से अपडेट रखें। डॉ. सेंगर ने कहा कि रक्तकोष की कार्यप्रणाली के बारे में किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए प्रभारी अधिकारी व्यक्तिगत तौर पर उत्तरदायी होंगे।
सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय परिसर में रक्त संचरण परिषद की समीक्षा बैठक हुई। जिसमें बताया गया कि राज्य में कुल 43 रक्तकोष कार्य कर रहे हैं। इनमें 21 राज्य सरकार और चार केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। 18 रक्तकोष निजी संस्थाएं चला रही हैं। राज्य में रक्तकोष प्रणाली के क्रियान्वय और रेगूलेशन के लिए राज्य रक्त संचरण परिषद का गठन किया गया है। उत्तराखंड में गत दो वर्षो से ई-रक्तकोष प्रणाली के अंतर्गत इस सुविधा को आधुनिक और आमजन के लिए आसान बनाया गया है।
नई व्यवस्था के अनुसार सभी रक्तकोष ऑनलाइन पोर्टल से जुड़ गए हैं। बैठक में बताया गया कि सिविल अस्पताल रानीखेत, अल्मोड़ा और जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी के रक्तकोष के लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है। निदेशक ने निर्देश दिए कि लाइसेंस नवीनीकरण के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए। समीक्षा के दौरान विधानसभा सत्र में रक्तकोष को लेकर प्रस्तुत रिपोर्ट का भी संज्ञान लिया, जिसमें विशेष तौर पर जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ के रक्तकोष की कार्यप्रणाली को देखा गया। चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक ने लिखित बताया कि उनके रक्तकोष का लाइसेंस वर्ष 2022 तक वैध है, एवं रिपोर्ट में दिए गए बिंदु वर्ष 2018 से पूर्व के हैं। चिकित्सालय में स्थापित रक्तकोष द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट 2016 के नियमों के अनुसार ही कार्य किया जा रहा है।
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