प्रसिद्ध साहित्यकार रस्किन बांड बोले, बच्चों में साहसिक प्रवृत्ति का विकास जरूरी
प्रसिद्ध साहित्यकार रस्किन बांड ने कहा कि बचपन से ही बच्चों में साहसिक और रचनात्मक गुण विकसित करने जरूरी हैं। इससे वे जिंदगी में ऊंचे मुकाम हासिल कर सकते हैं।
देहरादून, जेएनएन। बचपन इंसान के जीवन का अहम पड़ाव होता है। इसलिए बचपन से ही बच्चों में साहसिक और रचनात्मक गुण विकसित करने जरूरी हैं। साहस के बूते ही जिंदगी में ऊंचे मुकाम हासिल किए जाते हैं। यह बातें बाल साहित्य जगत में अपनी विशेष छवि के लिए प्रसिद्ध साहित्यकार रस्किन बांड ने रूपा प्रकाशन और एलेफ बुक कंपनी के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने बच्चों के सवालों के जवाब देते हुए जीवन की बेहतरी के लिए कई नसीहतें दीं।
राजपुर रोड स्थित डब्ल्यूआइसी में रस्किन बांड की किताब 'रोहडोडेन्ड्रोन्स् इन द मिस्ट: माई फेवरेट टेल्स ऑफ द हिमालया' पर डब्ल्यूआइसी की अध्यक्ष नाजिया यूसुफ इजुद्दीन ने लंबी चर्चा की। इसके अलावा रस्किन के जीवन से जुड़े कई पहलुओं और मसूरी व दून से जुड़ी उनकी यादों पर सवाल पूछे।
कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों से जुटे छात्र-छात्राओं ने भी रस्किन से सवाल पूछे। जिनके जवाब रस्किन ने बड़े सहज अंदाज में दिए। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने दूसरों के साथ खुशी बांटने की सलाह देते हुए बच्चों को अपनी ऑटोग्राफ की किताबें दीं।
रोमांच से भरा है नया उपन्यास
रस्किन बांड का नया उपन्यास 'रोहडोडेन्ड्रोन्स् इन द मिस्ट: माई फेवरेट टेल्स ऑफ द हिमालया' हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन डलहौजी पर आधारित है। रोमांच से भरे इस उपन्यास में बर्फ से ढकी डलहौजी की सड़कों पर बहता खून हर किसी को सस्पेंस में डाल देता है। बांड ने 17 साल की उम्र में अपना पहला उपन्यास 'द रूम ऑन द रूफ' लिखा था, इसके लिए उन्हें जॉन लेवेलिन रोड मेमोरियल पुरस्कार मिला था।
बांड 500 से अधिक लघु कथाएं, कविताएं और निबंध लिख चुके हैं। उन्हें लघु कथा संग्रह 'अवर ट्रीज स्टिल ग्रो इन देहरा' के लिए साहित्य अकादमी और बाल साहित्य में उनके योगदान के लिए पद्मश्री मिल चुका है। बांड ने बच्चों से बातचीत में कहा कि तब और अब के लेखन में बहुत फर्क है। अपना लिखा पुराना साहित्य पढ़कर कई दफा हंसी आ जाती है।
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दुबई से भी आए सवाल
सवाल-जवाब के दौरान एक महिला के जरिये दुबई से उनके नाती ने बांड से पूछा कि वे लेखक कैसे बने। इसपर बांड ने कहा कि अच्छी किताबें पढऩा और लगातार लिखते रहना लेखक बनने के लिए जरूरी है। इस दौरान उन्होंने मजाकिया अंदाज में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगले जन्म में तोता बनना चाहूंगा। क्योंकि, उन्हें आम बहुत पसंद हैं।
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