जिला सहकारी बैंक में ग्यारह महीने का अनुबंध, बैकडोर से कर दिए नियमित
इन दिनों देहरादून जिला सहकारी बैंक में बैकडोर से हुई नियुक्ति का मामला तूल पकड़े हुए है। विरोध में जिला सहकारी बैंक देहरादून के सभी कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन कर रहें है।
देहरादून, जेएनएन। इन दिनों देहरादून जिला सहकारी बैंक में बैकडोर से हुई नियुक्ति का मामला तूल पकड़े हुए है। जिला सहकारी बैंक में बैकडोर से हुई दो नियुक्ति के मामले में बैंक के पूर्व महाप्रबंधक सुभाष चंद्र भटनागर ने कहा कि प्राथमिक सहकारी सोसायटी (पैक्स) के तहत इन कर्मचारियों को तीन साल के लिए संविदा पर लिया गया था। संविदा के तौर पर इन कर्मचारियों का कार्यकाल तो बढ़ाया जा सकता है, लेकिन नियम के मुताबिक इन्हें नियमित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने भी इन नियुक्तियों को नियम विरुद्ध करार दिया है।
बैकडोर से हुई नियुक्ति के विरोध में कर्मचारी संगठन के आह्वान पर जिला सहकारी बैंक देहरादून के सभी कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन कर रहें है। बैंक में हुई बैकडोर नियुक्ति पर जिला सहकारी बैंक देहरादून के पूर्व महाप्रबंधक सुभाष चंद्र भटनागर ने कहा कि 2014 में नाबार्ड ने पैक्स योजना के अंर्तगत इन कर्मचारियों को तीन साल के लिए संविदा पर रखा था।
इसमें उनका 80 फीसद वेतन नाबार्ड व शेष बैंक मुहैया कराता था। 2017 में नाबार्ड ने कर्मचारियों का कांट्रेक्ट खत्म करने के लिए कह दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर बैंक इन्हें रखना चाहती है तो इनका कार्यकाल बढ़ा सकती है, लेकिन बैंक को ही इनका पूरा वेतन देना होगा।
उस दौरान बैंक ने इनका ग्यारह महीने का कार्यकाल बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों का कार्यकाल संविदा के रूप में तो बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इन्हें नियमित करना नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि बैंक में भर्ती करने का एक नियम होता है, उसी के आधार पर कर्मचारियों को चयन किया जाता है।
बैकडोर नियुक्ति विरोध को पहाड़ से भी समर्थन
जिला सहकारी बैंक में हुई बैकडोर नियुक्ति के विरोध में देहरादून के कर्मचारियों को पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों से भी समर्थन मिल रहा है। चमोली व उत्तरकाशी के कर्मचारियों के साथ अन्य जिलों ने भी विरोध का समर्थन किया है।
बैकडोर नियुक्ति को रद करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे जिला सहकारी बैंक देहरादून के कर्मचारियों काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। कर्मचारी आठ जुलाई तक काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्वक विरोध जताएंगे।
इसके बाद आठ जुलाई की शाम पांच बजे कचहरी स्थित मुख्य कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। कर्मचारियों का कहना है कि अगर बैंक प्रबंधन ने नियम विरुद्ध नियुक्ति को रद करने की मांग को नहीं माना तो वह 18 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल करेंगे।
उधर, सहकारी बैंक यूनियन चमोली के महामंत्री जयदीप फस्र्वाण ने कहा कि हमारी यूनियन बैकडोर नियुक्ति का पुरजोर विरोध करती है, प्रबंधन को इसे तत्काल रद करना चाहिए। अगर बैंक प्रबंधन उनकी इस मांग को नहीं मानता है तो प्रदेशव्यापी हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
वहीं, उत्तरकाशी से चंद्रवीर सिंह ने कहा कि हम नियम विरुद्ध नियुक्ति के विरोध का समर्थन करते है। जल्द ही अगर बैंक प्रबंधन ने इस पर उचित कार्रवाई नहीं की तो कर्मचारी आंदोलन को बाध्य होंगे।
यह भी पढ़ें: हड़ताल होते ही छह घंटे में जारी हुई एक साल से लटकी पदोन्नति सूची
यह भी पढ़ें: तबादलों की खामियों पर लगा आपत्तियों का अंबार, पढ़िए पूरी खबर