प्रवासियों के आने और लाने की रफ्तार हुई धीमी
प्रदेश में प्रवासियों के वापस आने की रफ्तार धीमी होने के साथ ही अब इन्हें वापस लाने का कार्य भी धीरे-धीरे कम होने लगा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में प्रवासियों के वापस आने की रफ्तार धीमी होने के साथ ही अब इन्हें वापस लाने का कार्य भी धीरे-धीरे कम होने लगा है। स्थिति यह है कि सचिवालय की विश्वकर्मा बिल्डिंग में बना कंट्रोल रूम अब बंद हो चुका है। प्रदेश सरकार ने रेलवे को भी फिलहाल नई सेवाओं की जरूरत नहीं बताई है। आपात स्थिति में बसों के जरिये ही अब प्रवासियों को लाने अथवा ले जाने की व्यवस्था की जाएगी।
प्रदेश में अभी तक 2.71 लाख लोग घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसके सापेक्ष अभी तक 192764 लोग वापस आए हैं। अब जैसे-जैसे अनलॉक वन आगे बढ़ रहे है वैसे-वैसे आने वालों की संख्या में भी कमी देखने को मिल रही है। स्थिति इस बात से समझी जा सकती है कि बैंगलुरु से प्रवासियों को लाने के लिए पूरी ट्रेन की व्यवस्था की गई थी। बाद में जब सरकार ने यहां के लोगों से संपर्क किया तो अधिकांश ने काम शुरू होने का हवाला देते हुए वापस आने से इन्कार कर दिया। ऐसे में सरकार को इस ट्रेन के लिए गोवा, नासिक आदि स्थानों से यात्रियों की व्यवस्था कर इसे वापस लाना पड़ा। वहीं रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में भी काफी कमी आई है। जहां पहले घर वापसी के लिए आठ से दस हजार लोग प्रतिदिन रजिस्ट्रेशन कर रहे थे अब यह संख्या 500 से एक हजार के बीच रह गई है। दिल्ली से तीन हजार प्रवासियों को वापस लेने के लिए भेजी गई 100 बसों में से तीन दिनों तक केवल 82 बसों को ही वापसी के लिए यात्री मिल पाए। तीन बसों में सामान लाया गया और 15 बसें खाली वापस आई।
यही कारण है कि अब प्रदेश सरकार ने रेलवे को बता दिया है कि अतिरिक्त ट्रेनों की जरूरत नहीं है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा सामान्य ट्रेनों का संचालन शुरू करने के बाद से भी यात्री अब स्वयं ही आवागमन कर रहे हैं। ऐसे में अब प्रवासियों को वापस लाने की व्यवस्था समाप्त हो सकती है। हालांकि, इससे पहले प्रदेश सरकार को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के सामने सारी स्थिति साफ करनी होगी।
इस संबंध में नोडल अधिकारी बनाए गए आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन ने कहा कि अब आने वाले यात्रियों की संख्या में खासी कमी आई है। जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है वे भी वापस नहीं आ रहे हैं। फिलहाल दूसरे राज्यों के प्रवासियों को वापस भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी स्थिति की समीक्षा करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।